बांके बिहारी मंदिर के रास्तों पर 20 फीट तक कब्जा ?

बांके बिहारी मंदिर के रास्तों पर 20 फीट तक कब्जा ..!
 हाईकोर्ट को कहना पड़ा- अतिक्रमण हटाओ; व्यापारी बोले-अफसर ही दुकानें लगवा रहे

बांके बिहारी मंदिर के लिए जाने वाले रास्तों पर अतिक्रमण को हटाइए। मंदिर की तरफ कितने रास्ते जाते हैं? यह रिपोर्ट मथुरा जिला प्रशासन सब्मिट करें।

QuoteImage

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यह आदेश 4 सितंबर को बांके बिहारी मंदिर कॉरिडोर मामले में दाखिल याचिका पर दिया। मथुरा प्रशासन ने रिपोर्ट कोर्ट में दाखिल करने के लिए तैयार करना शुरू कर दिया है। हकीकत देखने के लिए ……टीम ग्राउंड जीरो यानी बांके बिहारी मंदिर के लिए जाने वाले रास्तों पर पहुंची। जो कुछ सामने आया, वो कुछ ऐसा था…

  • मंदिर तक जाने वाले 4 रास्तों पर 80% अस्थाई और 20% पक्का अतिक्रमण दिखा। लोगों के चलने के लिए जगह नहीं थी।
  • दुकानों के आगे सामान रखा था। कई घर ऐसे थे, जिन्होंने अवैध तरीके से पक्के निर्माण कर रखे थे।
  • रास्तों पर पुलिस मौजूद थी, मगर सड़क पर लगी दुकानों को हटने के लिए नहीं कहा जा रहा था।

स्लाइड में मंदिर तक आने वाले 4 रास्ते की लंबाई-चौड़ाई को समझिए…

विद्यापीठ चौराहा रोड: दुकानों के 10 फिट आगे तक सामान रखा, फिर कस्टमर खड़े अब अतिक्रमण की सही स्थिति को समझने के लिए हम बांके बिहारी मंदिर की तरफ जाने वाले मुख्य रास्ते यानी विद्यापीठ चौराहा से आगे बढ़े। यह रोड करीब 40 फिट चौड़ी है। मगर, यहां सड़क किनारे नालियों से 10 फीट आगे तक दुकानदारों ने अपना सामान लगा रखा है। इसके आगे दुकानों से समान खरीदने वाले लोग खड़े मिले। मतलब- रास्ता महज 20 से 25 फीट का रह जाता है। इसी संकरे रास्ते पर लोग चल रहे थे।

इस चौराहे पर हरि निकुंज की तरफ से आने पर रेलिंग लगा रखी है, जिसकी वजह से 60 फीट चौड़ा रास्ता महज 40 फीट का रह गया है। रेलिंग के अंदर जैसे ही गेट के पास पहुंचेंगे, वहां एक बैंक ने पानी का ATM लगा दिया है, जो रास्ते को और कम करता है।

थोड़ा आगे बढ़ने पर हमे लोहे का गेट मिला। आस-पास के दुकानदारों ने बताया- ये प्रशासन की तरफ से लगवाया गया था। दावा है कि भीड़ ज्यादा होने पर इस गेट को बंद करके भीड़ का दबाव कम किया जाता है। हकीकत सामने आई कि यहां तैनात पुलिसकर्मी इस गेट को सामान्य स्थिति में भी बंद ही रखते हैं। इसकी वजह से श्रद्धालुओं को दिक्कत हो रही थी।

भास्कर रिपोर्टर को रास्ते पर चलते हुए फुटपाथ दिखे ही नहीं। क्योंकि वहां पर दुकानें लगी थीं।
भास्कर रिपोर्टर को रास्ते पर चलते हुए फुटपाथ दिखे ही नहीं। क्योंकि वहां पर दुकानें लगी थीं।
10-15 फिट तक रोड पर सिर्फ छोटी-छोटी दुकानें लगी दिखीं।
10-15 फिट तक रोड पर सिर्फ छोटी-छोटी दुकानें लगी दिखीं।

सड़क पर कोई कपड़े बेच रहा, कोई बैग यहां से आगे बढ़ने के साथ ही फुटपाथ पर स्ट्रीट वेंडर कब्जा जमाए मिले। कोई सड़क पर ही भगवान की पोशाक बेच रहा है, कोई बैग तो कोई कपड़े। यानी फुटपाथ कहां है? यह नजर ही नहीं आ रहा था।

सड़क पर जगह कम होने की एक और वजह समझ में आई। जयपुरिया अतिथि भवन के बाहर बिजली विभाग के 4 पैनल बॉक्स लगे दिखे। 2 ट्रांसफॉर्मर भी रखे हुए हैं। जहां रास्ता करीब 25 से 30 फीट है, वहां चौड़ाई काफी कम रह जाती है। इन बॉक्स के आगे रेहड़ी वाले खड़े हैं। जो तरह-तरह के सामान बेच रहे हैं।

विद्यापीठ चौराहा से करीब 120 मीटर चलने पर बांके बिहारी पुलिस चौकी है। यहां एक रास्ता गौतम पाड़ा होकर आता है। चौकी से चंद कदम आगे रोड के बीच में अस्थाई डिवाइडर लगा दिए गए हैं। यह डिवाइडर बांके बिहारी मंदिर की मुख्य गली तक लगे हुए हैं। जिसकी वजह से यहां भीड़ का दबाव बना रहता है।

मिठाई की दुकान फुटपाथ पर लगी मिली। सामने पुलिस वाला बैठा था, लेकिन हटाने का प्रयास नहीं किया जा रहा था।
मिठाई की दुकान फुटपाथ पर लगी मिली। सामने पुलिस वाला बैठा था, लेकिन हटाने का प्रयास नहीं किया जा रहा था।

अब हम संकरे रास्तों से होते हुए मंदिर तक पहुंच गए। यहां पर भीड़ मैनेजमेंट और जगह की उपलब्धता समझिए…

दो गेट मंदिर में आने के लिए, दो बाहर जाने के लिए बांके बिहारी मंदिर पहुंचने पर गेट नंबर 2 और 3 से अंदर जाने वाले श्रद्धालुओं की भीड़ नजर आई। यहां पुलिस और निजी सुरक्षा कर्मचारी श्रद्धालुओं को रोक-रोककर मंदिर में प्रवेश करवा रहे थे। जो भक्त अंदर जा रहे थे, वह गेट नंबर 1 और 4 से बाहर आ रहे थे।

मंदिर में कितनी जगह है, हमने यह भी देखा

मंदिर के अंदर भी काफी जगह छूटी हुई थी। भक्त करीब 40% जगह में ही मूवमेंट कर पा रहे हैं।
मंदिर के अंदर भी काफी जगह छूटी हुई थी। भक्त करीब 40% जगह में ही मूवमेंट कर पा रहे हैं।

बांके बिहारी मंदिर करीब 2000 वर्ग गज में बना हुआ है। यहां का अधिकांश हिस्सा प्रयोग में ही नहीं आ रहा। मंदिर के चबूतरे पर रेलिंग इस तरीके से लगाई गई हैं कि श्रद्धालु सीधे मंदिर के अंदर जाएं और गेट नंबर 1 से बाहर आएं। यहां करीब 60% हिस्सा खाली पड़ा हुआ है।

यही हाल मंदिर के अंदर का है, जहां रेलिंग और गुल्लक इस तरह रखे हैं कि मंदिर का केवल 40 से 50% जगह ही श्रद्धालुओं के लिए प्रयोग आ रही है। बाकी जगह में गोस्वामी के बैठने की जगह बनी है या जगह खाली पड़ी है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *