दलालों ने केजीएमयू से प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया मरीज…मौत..थाने के संरक्षण में चल रहा अस्पताल

लखनऊ में दलालों के झांसे में आकर महिला ने अपने बीमार पति को केजीएमयू से निकालकर प्राइवेट अस्पताल में भर्ती कराया। महिला का आरोप है कि 24 घंटे में 1 लाख 60 हजार रुपए ऐंठे। अनट्रेंड स्टाफ से ऑक्सीजन की हैवीडोज लगाई और गलत इंजेक्शन लगाए जिसकी वजह से पति की मौत हो गई। पीड़िता ने अस्पताल संचालक समेत पांच लोगों के खिलाफ मदेयगंज थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है।
वजीरगंज गोलागंज निवासी मुस्कान अली ने बताया कि उन्होंने अपने पति को पेट में दर्द होने पर 13 नवंबर 2024 को मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया था। इस दौरान अच्छे इलाज का झांसा देकर दलालों ने एमजे अस्पताल खदरा में भर्ती करा दिया। दलालों ने कहा 24 घंटे में एक दम ठीक हो जाएंगे। झांसे में आकर महिला ने पति को एडमिट करवा दिया।
स्वस्थ्य हालत में अस्पताल गए थे
जब उन्होंने पति को भर्ती कराया तब स्वस्थ्य और बातचीत कर रहे थे। अस्पताल कर्मी पवन ने बिल बनाने के लिए आलम को ऑक्सीजन की हैवीडोज और गलत इंजेक्शन लगा दिया। 15 नवंबर 2024 को दोपहर बाद करीब 2:30 बजे आलम की मौत हो गई। मौत होने के बाद अस्पताल प्रशासन ने वेंटिलेटर पर रख दिया। वेंटिलेटर और बेड चार्ज के नाम पर डेढ़ लाख ऐंठ लिए। देर शाम मृत बताकर शव उन्हें सौंप दिया।
विरोध करने पर आरोपियों ने महिला से गाली-गलौज करके भाग जाने को कहा। साथ ही किसी से शिकायत करने पर जान से मारने की धमकी दी। महिला ने दलालों व अस्पताल की शिकायत पुलिस से की लेकिन कोई कार्रवाई हुई। इसके बाद अस्पताल संचालक डॉक्टर जुनैद, कॉर्डियोलॉजिस्ट मोहम्मद जफर, पवन मेडिकल, डाक्टर जावेद और अप्रशिक्षित स्टाफ के खिलाफ मुख्यमंत्री पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी।
थाने के संरक्षण में चल रहा अस्पताल
पीड़िता का कहना है कि अस्पताल वाले धमकी देते हैं कि जिससे शिकायत करनी हो कर दो अस्पताल पुलिस के संरक्षण में चल रहा है। घटना के बाद आरोपियों को थाने बुलाया गया था लेकिन कोई नहीं पहुंचा। इसके बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की गई।
अस्पताल का लाइसेंस निरस्त किया जा चुका है
पीड़िता ने 7 दिसंबर 2024 को सीएमओ ऑफिस में एमजे अस्पताल के खिलाफ शिकायत की थी। सीएमओ ने आरोपी डॉक्टर, कर्मचारियों व पीड़ित महिला को बयान के लिए बुलाया था। महिला तो बयान देने पहुंची लेकिन आरोपी नहीं पहुंचे। इसके बाद सीएमओ ने एमजे अस्पताल का लाईसेंस निरस्त कर दिया है।
पीड़िता का आरोप है कि आरोपित अस्पताल में बिना लाइसेंस के फॉर्मेसी चलाई जा रही है। अस्पताल में स्टाफ पवन खुद को डाक्टर जुनैद बताकर मरीजों का इलाज करता है। पति की मौत के कुछ दिन बाद वह मृत्यु प्रमाण पत्र लेने अस्पताल गई थी। इस पर अस्पताल प्रशासन ने मृत्यु प्रमाण पत्र देने के लिए 20 हजार रुपए की मांग की थी। कोर्ट के आदेश के बाद सोमवार देर शाम मुकदमा दर्ज किया गया।