पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी ने किताब में किया खुलासा, ‘मैंने शोरगुल में पारित नहीं किये बिल’
नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति पद से हटने के बाद से हामिद अंसारी (Ex Vice President Hamid Ansari) लगातार विवादों में बने हुए हैं. इससे पहले भी वे कई ऐसे बयान दे चुके हैं जिनसे देश की गरिमा पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है. उन्होंने पहले कहा था कि मोदी सरकार (Modi Government) के सत्ता में आने के बाद से मुसलमानों में डर का माहौल है. अब उन्होंने अपनी नई किताब ‘बाय मैनी ए हैप्पी एक्सीटेंडः रीकलेक्शन्स ऑफ ए लाइफ’ में कई बातें लिखी हैं.
हामिद अंसारी ने याद किया अपना कार्यकाल
हिंदुस्तान में इस समय कृषि कानूनों पर हंगामा बरपा हुआ है. विपक्ष लगातार आरोप लगाता रहा है कि बिल को सदन में चर्चा के बिना ही पास कर दिया गया. वहीं सरकार का पक्ष है कि बिल को लेकर पर्याप्त चर्चा हुई थी और जरुरी नहीं होता कि हर बिल में सभी की सहमति हो मगर बिल को संवैधानिक तरीके से ही पास किया गया.
इस विषय पर पूर्व उपराष्ट्रपति और राज्यसभा के पूर्व सभापति हामिद अंसारी ने अपने कार्यकाल को याद किया. उन्होंने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान उन्होंने तय किया था कि कोई भी बिल हंगामे में पारित नहीं होने देंगे.
शोरगुल में बिल पास न कराने पर पीएम मोदी से थे मतभेद- हामिद अंसारी
किताब में हामिद अंसारी ने उस रूख का भी उल्लेख किया है जिसमें उन्होंने बतौर राज्यसभा के सभापति निर्णय लिया था कि वह कोई विधेयक हंगामे और शोर-शराबे में पारित नहीं होने देंगे. इस मुद्दे पर पीएम मोदी से मतभेद होने की बात उन्होंने किताब में लिखी है.
हामिद अंसारी ने एक घटनाक्रम का उल्लेख करते हुए कहा कि एक दिन राज्यसभा के मेरे दफ्तर में प्रधानमंत्री मोदी आए. आमतौर पर ऐसा नहीं होता है कि प्रधानमंत्री बिना तय कार्यक्रम के मिलने आए. मैंने उनका रस्मी अभिवादन किया.
अंसारी के मुताबिक, तब पीएम मोदी ने उनसे कहा था कि आपसे उच्च जिम्मेदारियों की अपेक्षा है लेकिन आप मेरी मदद नहीं कर रहे हैं. मैंने कहा कि राज्यसभा में और बाहर मेरा काम सार्वजनिक है. उन्होंने पूछा ‘शोरगुल’ में विधेयक पारित क्यों नहीं कराए जा रहे हैं? मैंने जवाब दिया कि सदन के नेता और उनके सहयोगी जब विपक्ष में थे तो उन्होंने इस नियम की सराहना की थी कि कोई भी विधेयक शोरगुल में पारित नहीं कराया जाएगा.