MP के ‘खेमका’ का सरकार पर फिर हमला:IAS लोकेश जांगिड़ ने लिखा- सिविल सर्विस बोर्ड ने 1 साल में 91 बार बैठक बुलाई, यानी हर चौथे दिन IAS अफसरों के ट्रांसफर

मध्यप्रदेश कैडर के IAS अफसर लोकेश कुमार जांगिड़ की छवि हरियाणा के तेज-तर्रार सीनियर IAS अफसर अशोक खेमका की तरह बनती जा रही है। लोकेश 2014 बैच के युवा IAS अफसर हैं। उनकी फील्ड पोस्टिंग के अभी साढ़े 4 साल हुए हैं, लेकिन उनके 8 बार ट्रांसफर हो चुके हैं। यानी औसतन हर 6 माह में उन्हें हटाया गया।

सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा DOPT को भेजी गई जानकारी का पत्र।
सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा DOPT को भेजी गई जानकारी का पत्र।

जांगिड़ को मई में राज्य शिक्षा केंद्र के अपर संचालक से बड़वानी अपर कलेक्टर बनाया गया था, लेकिन एक महीने पहले उन्हें वापस राज्य शिक्षा केंद्र भेज दिया गया है। हरियाणा कैडर के IAS अफसर अशोक खेमका के 30 साल की नौकरी में 53 तबादले हुए। यानी उन्होंने भी औसतन हर 7 महीने में तबादले झेले हैं।

IAS अफसर जांगिड़ ने सामान्य प्रशासन विभाग की 9 जुलाई को केंद्रीय कार्मिक एवं प्रशिक्षण (DOPT) मंत्रालय को भेजी गई रिपोर्ट को लेकर 26 जुलाई को सोशल मीडिया पर लिखा- मध्यप्रदेश में IAS अफसरों के तबादले करने के लिए एक साल में 91 बार सिविल सर्विस बोर्ड की बैठक बुलाई गई। यानी औसतन हर चौथे दिन IAS अफसरों के तबादले किए गए।

इस रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार ने एक साल में 371 ऐसे IAS अफसरों का तबादला किया है जो फील्ड पोस्टिंग में 2 साल का कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए। ऐसे IAS अफसरों में जांगिड़ का नाम भी शामिल है। बोर्ड की बैठकें प्रदेश में एक कार्यकाल की न्यूनतम अवधि 2 साल पूरी न कर पाने वाले अफसरों के तबादलों को मंजूरी देने के लिए हुईं थीं।

चार साल पहले बना था सिविल सर्विसेस बोर्ड
मध्यप्रदेश में IAS अफसरों के ट्रांसफर करने के लिए सिविल सर्विस बोर्ड चार साल पहले गठित किया गया था। इसमें मुख्य सचिव, सामान्य प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव और एक सीनियर अपर मुख्य सचिव सदस्य होते हैं। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट ने अक्टूबर 2017 में एक आदेश में कहा था कि सरकार किसी भी IAS अफसर को 2 साल से पहले नहीं हटा सकती है। यदि किसी IAS का 2 साल से पहले तबादला किया जाना जरूरी है तो उसके लिए कारण बताना होगा।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *