लपरवाही में बेघर हुए ग्रामीण:लापरवाही से पानी छोड़ने के कारण डैम प्रभारी का ट्रांसफर, शिवपुरी, दतिया और ग्वालियर में पैदा हुई थी बाढ़ की स्थिति
मड़ीखेड़ा के कैचमेंट एरिया में लापरवाही से डैम खोलने के आरोप में मड़ीखेड़ा के प्रभारी ईई एसके अग्रवाल को लापरवाही का दोषी मानते हुए प्रमुख अभियंता मदन सिंह ने हटा दिया है। उनके स्थान पर मुख्य अभियंता राजघाट नहर परियोजना दतिया मनोहर बोराते को मड़ीखेड़ा का प्रभारी ईई बनाया गया है। एसके अग्रवाल को सहायक यंत्री कार्यालय में प्रभारी कार्यपालन यंत्री के रूप में राजघाट बांयी नहर खनियाधाना पदस्थ किया गया है। दरअसल यह पूरी घटना 2 अगस्त की है, जब मड़ीखेड़ा डैम प्रबंधन ने डैम के गेटों को खोलने में लापरवाही बरती थी। जिस वजह से शिवपुरी समेत दतिया और ग्वालियर के कई क्षेत्रों में बाढ़ की स्थिति बन गयी थी।
एक गेट को 9 मीटर तक खोला
शिवपुरी में 1 और 2 अगस्त को लागतार तेज बारिश हो रही थी। जिसके कारण 346.25 मीटर की भराव क्षमता वाला डेम 343 मीटर भर गया। जब डैम के कैचमेंट एरिया में दबाव बढ़ने लगा तब देर रात ग्रामीणों को बिना अलर्ट दिए 10 में से 8 गेटों को खोल दिया गया और थोड़ी देर बाद बाकी बचे 2 गेटों को भी खोल दिया गया था। जिनमे से एक गेट को 9 मीटर तक खोला गया। जिसके कारण डैम के नीचे बसे गाँवों में पानी भर गया। अचानक बाढ़ की स्थिति बनने से कई लोग गाँव में ही फंस गए थे। जिन्हे बाद में रेस्क्यू कर के सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया। शिवपुरी के साथ साथ दतिया और ग्वालियर के कई क्षेत्रों में बाढ़ के हालत बन गए थे। इस अचानक आए बाढ़ के कारण जान हानि तो नहीं हुई लेकिन हजारों लोगो के घर, खेत और आनाज आदि को काफी नुक्सान हुआ था। जिसका आकलन अभी जारी है।