एक एनकाउंटर स्पेशलिस्ट कैसे बना BJP कैंडिडेट?

2 जी, गोमती रिवर फ्रंट जैसी सभी जांच सपा-कांग्रेस नेताओं के खिलाफ की…क्या इसी का इनाम मिला राजेश्वर सिंह को?

लखनऊ में तैनाती के दौरान एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में पहचान बनाने वाले अब चुनाव मैदान में हैं। इन्होंने आईएनएक्स मीडिया घोटाले, 2-जी घोटाले और एयरसेल-मैक्सिस डील में कांग्रेस के कद्दावर नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को सलाखों के पीछे तक पहुंचा दिया था। सहारा प्रमुख सुब्रत राय को हाउसिंग फाइनेंस के नाम पर लोगों से गैर-कानूनी तरीके से 24 हजार करोड़ लेने के आरोप में जेल भिजवा दिया था। एक वक्त पर सुपरकॉप, एनकाउंटर स्पेशलिस्ट की छवि रखने वाले राजेश्वर ने कब राजनीति की जमीन तलाशनी शुरू की, इसका जवाब खुद उनके पास भी नहीं है। हालांकि, अब वह भाजपा का चेहरा हैं… सरोजनीनगर सीट से विधायक का चुनाव लड़ रहे हैं।

 

ब्यूरोक्रेसी और सियासत के इस गठजोड़ के बाद राजेश्वर ने ट्विटर पर कई चर्चित केस में अपनी भूमिका साझा की। इनमें उन्होंने खुद 2 जी घोटाला, आईएनएक्स मीडिया घोटाला, आम्रपाली घोटाला, नोएडा पोंजी स्कीम, : गोमती रिवर फ्रंट घोटाले की जांच को अपनी उपलब्धि के रूप में बताया।

आइए हम भी जानते हैं कि इन घोटालों की जांच में आखिर निकला क्या? और इसमें क्यों सभी आरोपी कांग्रेस या सपा से ही जुड़े हुए थे। इस हकीकत से मुंह नहीं मोड़ा जा सकता है कि 2-जी घोटाले के सभी आरोपी बरी हो चुके हैं। यूपीए के समय में हुए आईएनएक्स मीडिया घोटाला समेत 3 और जांच यूपी से जुड़ी है। दो मामलों में कोर्ट में ट्रायल चल रहा है। एक अन्य में ट्रायल शुरू ही नहीं हो सका है। विपक्ष खुले तौर पर तो सत्ता पक्ष दबी जुबान कहते नहीं चूकते कि इन घोटालों की जांच का इनाम ही है कि मंत्री स्वाति सिंह का टिकट काटकर भाजपा ने इन्हें मैदान में उतारा है।

आइए एक-एक कर हम आपको उनकी जिंदगी से जुड़े हर पहलू से रूबरू कराते हैं। सबसे पहले बात उन घोटालों की जांच की, जिनका जिक्र खुद राजेश्वर सिंह ईडी के ज्वाइंट डायरेक्टर का पद छोड़ने के बाद जनता के नाम संदेश में करते हैं :-

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