अंतिम चरण में ऑपरेशन गंगा, अब तक 15,920 भारतीय वापस लौटे
ऑपरेशन गंगा खत्म होने को है लेकिन यूक्रेन के कई युद्धग्रस्त शहरों में भारतीय नागरिक अभी भी फंसे हुए हैं।…
भारत सरकार ने यूक्रेन से निकल कर पड़ोसी देशों में पहुंचे भारतीय नागरिकों को निकालने का काम लगभग पूरा कर लिया है। केन्द्र सरकार ने बताया कि 76 उड़ानों के माध्यम से 15,920 से अधिक छात्रों को सफलतापूर्वक यूक्रेन से वापस लाया जा चुका है। इससे पहले केन्द्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने बताया कि यूक्रेन से निकलकर लगभग 5,280 बच्चे हंगरी पहुंचे थे। उन्हें शनिवार रात बुडापेस्ट हवाई अड्डे से भारत भेज दिया गया है। रविवार को 5 और उड़ानों के द्वारा 890 बच्चों को भेजने की योजना है। उन्होंने कहा कि ऑपरेशन गंगा अपने अंतिम चरण में है और लगभग सभी भारतीयों को वापस लाने का काम पूरा हो चुका है। दूतावास ने एक दूसरे बयान में कहा कि भारतीय दूतावास ने आज ऑपरेशन गंगा उड़ानों के अपने अंतिम चरण की शुरुआत की। दूतावास का कहना है कि अपने खुद के एकोमोडेशन (दूतावास से व्यवस्थित के अलावा) में रहने वाले सभी छात्रों से अनुरोध किया जाता है कि वे हंगरिया सिटी सेंटर, राकोज़ी यूटी 90, बुडापेस्ट में सुबह 10 बजे से दोपहर 12 बजे के बीच पहुंचें।
लेकिन अभी भी काफी भारतीय छात्र यूक्रेन में ही फंसे हैं। चूंकि युद्ध की स्थिति बिगड़ती जा रही है, ऐसे में उन्हें यूक्रेन के शहरों से निकालना मुश्किल हो रहा है। कीव में भारतीय दूतावास ने रविवार को यूक्रेन में रह रहे सभी भारतीय नागरिकों से ‘तत्काल आधार’ पर ऑनलाइन फॉर्म भरने को कहा है। दूतावास के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट ने एक Google फॉर्म पोस्ट किया जिसमें नाम, पासपोर्ट नंबर और वर्तमान स्थान जैसी बुनियादी डिटेल मांगी गई हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक यूक्रेन के युद्धग्रस्त क्षेत्रों खारकीव और पिसोचिन से लगभग सभी भारतीय निकाल लिये गये हैं, लेकिन सुमी में अभी भी कुछ भारतीय फंसे हुए हैं। विदेश मंत्रालय वहां फंसे भारतीयों को निकालने के इंतजाम में जुटा है।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “सूमी से भारतीयों को निकालना चुनौतीपूर्ण है क्योंकि वहां गोलाबारी और हिंसा जारी है तथा परिवहन के साधनों की कमी है।” उन्होंने कोई विस्तृत जानकारी दिए बिना कहा कि भारत छात्रों को निकालने के लिए दूसरे कई विकल्पों पर विचार कर रहा है।