देश द्रोह कानून: सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, पुनर्विचार तक नहीं दर्ज हो सकेंगे नए मामले
देश की सर्वोच्च अदालत ने देश द्रोह कानून को लेकर हो रही सुनवाई के बीच बड़ी टिप्पणी की है। सुप्रीम कोर्ट ने कानून के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने साफ कहा है कि, जब तक पुनर्विचार किया जा रहा है, तब तक राजद्रोह कानून को लेकर कोई भी नया मामला दर्ज नहीं किया जाए ….
नई दिल्ली ….
जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी आगे की सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान राजद्रोह कानून पर रोक लगाने के साथ ही इस मामले की अगली सुनवाई आगे के लिए टाल दी है। अब इस मामले में सुनवाई जुलाई के तीसरे हफ्ते में होगी।
दरअसल राजद्रोह कानून (Sediton Law) की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने के मामले में मंगलवार के बाद बुधवार को भी शीर्ष अदालत में सुनवाई हुई।
इस दौरान केंद्र सरकार का पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने सर्वोच्च अदालत के सामने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कोर्ट को बताया कि हमने राज्य सरकारों को जारी किए जाने वाले निर्देश का मसौदा तैयार किया है।
सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट को ये भी बताया कि पुलिस अधिकारी राजद्रोह के प्रावधानों के तहत FIR दर्ज करने के समर्थन में पर्याप्त कारण भी बताएंगे।
दूसरी तरफ याचिकाकर्ताओं की तरफ से दलील रखते हुए वकील कपिल सिब्बल ने भी सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखा। उन्होंने मांग की है कि राजद्रोह कानून पर तत्काल रोक लगाने की जरूरत है
वहीं दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकारों से कहा कि वे अब IPC के सेक्शन 124A के तहत लोगों के खिलाफ केस दर्ज किए जाने पर रोक लगाएं।
दरअसल इसी सेक्शन को देशद्रोह कानून भी कहा जाता है। ब्रिटिश दौर के इस कानून को हटाए जाने की अकसर मांग उठती रही है, जिसे लेकर पिछले दिनों शीर्ष अदालत में अर्जी भी दी गई थी। इसी पर सुनवाई करते हुए अदालत ने यह फैसला दिया है।