नीतीश कुमार के लिए महागठबंधन से हटा नो एंट्री का बोर्ड, आरजेडी-कांग्रेस ने दिए संकेत
पटना: आरजेडी और कांग्रेस ने महागठबंधन में नीतीश कुमार के लिए नो एंट्री का बोर्ड हटा दिया है. तेजस्वी यादव की ओर से कल मिले हल्के संकेत के बाद आज आरजेडी ने अपनी तस्वीर साफ कर दी है. पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश और हमारी सोच एक विचारधारा वाली है. वहीं कांग्रेस ने गांधी विचारधारा को मानने वाले दलों के स्वागत की बात कही है.
कर्नाटक के साथ बिहार के भी सियासी समीकरण में हलचल देखने को मिल रही है. बीजेपी जेडीयू के बीच आ रही खटास को समीकरण बदलने का संकेत माना जा रहा है. इसी संकेत के तहत आरजेडी और कांग्रेस की ओर से जेडीयू को ऑफर दिये जा रहे हैं.
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने कहा है कि नीतीश कुमार और आरजेडी की धारा विचारधार एक है. यूनिफार्म सिविल कोड का मामला हो, धारा 370 का मामला हो या फिर तीन तलाक का. नीतीश कुमार की आईडोलॉजी आरजेडी के समान ही है. कल की तारीख में नीतीश इस मसले पर कोई स्टैंड लेते हैं तो आरजेडी उनके साथ खड़ी रहेगी. हलांकि शिवानंद तिवारी ने सीधे तौर पर फिलहाल किसी नए सियासी समीकरण की बात को सिरे से खारिज किया है. लेकिन इतना जरुर कहा है कि भविष्य में क्या होगा ये कौन जानता है.
नीतीश कुमार को लेकर शुरु से साफ्ट रही कांग्रेस ने भी नीतीश कुमार के लिए दरवाजे खोल दिये हैं. पार्टी के प्रवक्ता राजेश राठौड़ ने कहा है कि देश में दो तरह की विचारधारा है एक गांधी की और दूसरी गोडसे की. जो गांधी की विचारधारा में विश्वास करते हैं वो हमारे साथ आ सकते हैं उनका स्वागत है.
हालांकि जेडीयू ने कांग्रेस और आरजेडी की ओर से मिल रहे ऑफर को बडी ही समझदारी भरे अंदाज में खारिज कर दिया है. पार्टी के एमएलसी दिलीप चौधरी ने कहा है कि नीतीश लोहिया की विचारधारा को मानते हैं. हम किसी की विचारधार को फॉलो नहीं करते बल्कि नीतीश की विचारधारा को लोग फॉलो करते हैं. दिलीप चौधरी ने कहा है कि बिहार में जेडीयू की सरकार है जो अच्छे तरीके से चल रही है. सरकार पर कोई संकट नहीं है इसलिए कहीं आने जाने का सवाल ही नहीं उठता.
गौरतलब है कि शनिवार को आरजेडी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में भी तेजस्वी ने कहा थी कि अभी तक उनके पास जेडीयू के पास से कोई प्रस्ताव आया नही है. जब आया ही नही है तो विचार कैसा. तेजस्वी ने नीतीश के लिए महागठबंधन में नो एंट्री की बात नही कही थी.