स्टूडेंट पर अप्राकृतिक संबंध बनाने का दबाव…:इंदौर में सुसाइड, खंडवा में जहर खाया; फिर भी MP में नहीं रुकी रैगिंग
मध्यप्रदेश में रैगिंग के कारण एक स्टूडेंट सुसाइड कर चुका है। इंदौर के स्टूडेंट ने 4 महीने पहले फांसी लगा ली थी। इंदौर से ही रैगिंग का नया मामला सामने आ गया। रैगिंग के बढ़ते मामलों पर एक्सपर्ट का कहना है कि सीनियर स्टूडेंट्स इंस्टीट्यूट में अपना डॉमिनेंस दिखाना चाहते हैं। जूनियर्स को अलग-अलग तरीकों से परेशान करने को एंटरटेनमेंट समझ लेते हैं। एक्सपर्ट से जानेंगे कि रैगिंग पर कैसे रोक लग सकती है। इससे पहले जानते हैं मध्यप्रदेश में रैगिंग के गंभीर मामले…
इंदौर का MGM मेडिकल कॉलेज
ताजा मामला इंदौर के महात्मा गांधी मेमोरियल (MGM) मेडिकल कॉलेज का सामने आया है। सीनियर्स पर जूनियर्स को एक-दूसरे से अप्राकृतिक संबंध बनाने के लिए मजबूर करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। सीनियर, छात्राओं पर अश्लील कमेंट्स करने को कहते थे। एंटी रैगिंग कमेटी को शुरुआती जांच में रैगिंग के सुबूत भी मिले हैं। कमेटी की रीकमेंडेशन पर कॉलेज की ओर से संयोगितागंज पुलिस ने सीनियर्स के खिलाफ अज्ञात में केस किया है। सीनियर स्टूडेंट्स, फर्स्ट ईयर के स्टूडेंटस की तीन माह से रैगिंग ले रहे थे।
इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के स्टूडेंट ने जान दे दी
घटना इसी साल अप्रैल की है। इंदौर के इंडेक्स मेडिकल कॉलेज के MBBS स्टूडेंट ने फांसी लगा ली थी। चेतन पाटीदार (22) कॉलेज कैंपस में बने हॉस्टल में रहता था। मूल रूप से उज्जैन के मौलाना गांव का था। परिवार के मुताबिक चेतन ने इसी साल 28 फरवरी को एडमिशन लिया था। वह पहले सेमेस्टर में ही पढ़ाई कर रहा था। सुसाइड से 8 दिन पहले वह घर भी आया था। चेतन अपने सीनियर्स के रैगिंग लेने से परेशान था।
खंडवा में स्टूडेंट ने की थी खुदकुशी की कोशिश
8 जुलाई को खंडवा के भगवंतराव मंडलोई कृषि कॉलेज में B.sc फर्स्ट ईयर के स्टूडेंट हरिओम पाटीदार ने रैंगिग से तंग आकर जहर खा लिया था। उसे गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया था। जेब से सुसाइड नोट मिला था। इसमें उसने सीनियर्स पर उसके साथ गंदी हरकतें करने के आरोप लगाए थे। मामले में सीनियर छात्रों के अलावा प्रोफेसर का भी नाम सामने आया था। 10 सीनियर छात्रों को 1-1 साल कॉलेज और हॉस्टल से निकाल दिया गया है। प्रोफेसर का खरगोन ट्रांसफर कर दिया गया। पीड़ित छात्र तीन दिन तक जिला अस्पताल में भर्ती रहा। अब स्वस्थ है।
भोपाल के मैनिट में रोज 20 जूनियर्स रैगिंग के शिकार
भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (MANIT) में फर्स्ट और सेकंड ईयर स्टूडेंट्स के साथ रैगिंग के मामले सामने आते रहते हैं। 31 मार्च को यूजीसी एंटी रैगिंग हेल्पलाइन पर शिकायत दर्ज कराई गई। आरोप है कि हर दिन 20 जूनियर्स रैगिंग के शिकार हो रहे हैं। सीनियर्स उन्हें लगातार थप्पड़ मारते हैं, स्मोकिंग के लिए भी दबाव बनाते हैं। थर्ड ईयर के स्टूडेंट्स, जूनियर्स को कैंपस के बाहर रेस्टोरेंट्स और कैफे तक में जाने नहीं देते। नई दिल्ली से जांच के निर्देश MANIT की एंटी रैगिंग कमेटी को दिए गए हैं।
एक्सपर्ट व्यू… ऑफिशियल हो इंट्रोडक्शन प्रोग्राम : डॉ. त्रिपाठी
बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी के पूर्व रजिस्ट्रार डॉ. एचएस त्रिपाठी बताते हैं कि रैगिंग को कुछ सीनियर्स ने एंटरटेनमेंट का साधन बना लिया है। वे जूनियर्स को लगातार परेशान कर रौब दिखाना चाहते हैं। अपना वजूद दिखाना चाहते हैं। रैगिंग पर पूरी तरह रोक के लिए विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सख्त गाइडलाइन बनाई है। इसका पालन कॉलेज, यूनिवर्सिटी में लगातार किया जाता है। हर कॉलेज में एंटी रैगिंग कमेटी होती है।
हम पिछले कुछ साल पहले की बात करें तो सीनियर्स और जूनियर्स के बीच सिर्फ इंट्रोडक्शन होते थे, ताकि उनके बीच संवाद हो। जूनियर्स अनुशासन में रहें और वे संस्थान के तौर-तरीके सीख सकें, लेकिन रैगिंग के गंभीर केस सामने आने लगे और इसे जड़ से खत्म करना चुनौतीपूर्ण है। मेरा मानना है कि सीनियर-जूनियर्स के बीच एजुकेशनल इंस्टीट्यूट्स में ऑफिशियल इंट्रोडक्शन प्रोग्राम होने चाहिए। उन्हें चर्चा के लिए खुला वातावरण अधिकारिक रूप से उपलब्ध कराना चाहिए, ताकि वे एक-दूसरे को जानें और अच्छे रिलेशन बन सकें। इस दौरान रैगिंग के दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाए।