ग्वालियर.  अपने ही थाने में पदस्थ सिपाही की काल डिटेल निकलवाने के मामले में गोला का मंदिर थाना प्रभारी धर्मेंद्र यादव फंस गए हैं। सिपाही ने थाना प्रभारी की इस मनमानी की लिखित शिकायत पुलिस अधिकारियों से की है। निजता के हनन का यह गंभीर मामला सामने आने पर एसएसपी अमित सांघी ने मुरार सर्किल के सीएसपी ऋषिकेष मीणा को जांच के आदेश दिए। जांच में थाना प्रभारी की इस मनमानी की पुष्टि भी हो गई, जांच पूरी कर सीएसपी ने एसएसपी अमित सांघी को भेज दी। इसमें थाना प्रभारी ने काल डिटेल निकलवाने के आधार भी बेतुके दिए हैं, जिनसे पुलिस अधिकारी संतुष्ट नहीं हैं। अब इस गंभीर मामले में जल्द ही थाना प्रभारी पर कार्रवाई हो सकती है। पुलिस महकमे के अंदर की खबर है, थाना प्रभारी के इशारे पर थाने के तीन सिपाहियों ने दिसंबर माह में रेत के डंपर रोके थे, इसकी सूचना पुलिस अधिकारियों तक पहुंच गई थी। इसमें थाना प्रभारी को शक था कि रेत के डंपर रोकने की सूचना सिपाही ने वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाई है।

गोला का मंदिर थाने में पदस्थ तीन सिपाहियों ने 28 दिसंबर की रात इंद्रमणि नगर तिराहे पर रेत के डंपर रोके थे। पुलिसकर्मियों ने द्वारा रेत के डंपर रोके जाकर सांठगांठ करने की सूचना एसएसपी अमित सांघी तक पहुंच गई थी। एसएसपी ने सीएसपी मुरार ऋषिकेष मीणा को तत्काल मौके पर भेजा, लेकिन तब तक रेत के डंपर यहां से जा चुके थे। इस घटना के बाद सीएसपी मीणा ने सभी की कड़ी फटकार लगाई थी। इस मामले में थाना प्रभारी को शक था कि वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचाने में थाने के ही एक सिपाही की भूमिका है। थाना प्रभारी ने पद का दुरुपयोग करते हुए 2019 और 2023 में घटित हुए एक अपराध का हवाला देकर सिपाही की काल डिटेल निकलवाई। 26 से लेकर 28 दिसंबर तक के बीच की काल डिटेल निकलवाई। इसके बाद सिपाही को बुलाकर वरिष्ठ अधिकारी व कुछ थाना प्रभारी से बात करने को लेकर आपत्ति जताई। जब सिपाही को पता लगा कि उसकी काल डिटेल निकलवाई है तो सिपाही ने सीएसपी मीणा से शिकायत की। सीएसपी ने तत्काल एसएसपी अमित सांघी को इस गंभीर मामले के बारे में अवगत करवाया। एसएसपी सांघी ने सीएसपी मुरार को जांच के आदेश दिए। जांच में थाना प्रभारी सहित अन्य पुलिसकर्मियों से जवाब मांगा गया। थाना प्रभारी ने काल डिटेल निकलवाने के पीछे दो अपराधों का हवाला दिया, लेकिन इन दोनों ही अपराध की न तो विवेचना सिपाही द्वारा की जा रही थी न ही किसी कार्रवाई में वह शामिल था। जवाब संतोषजनक न पाए जाने पर सीएसपी ने कार्रवाई के लिए प्रतिवेदन बनाकर एसएसपी अमित सांघी को भेज दिया है। अब जल्द ही इस मामले में थाना प्रभारी सहित इस पूरे कांड में शामिल पुलिसकर्मियों पर गाज गिर सकती है। इस गंभीर मामले की जानकारी एसएसपी सांघी ने ग्वालियर जोन के एडीजी डी.श्रीनिवास वर्मा को भी दे दी है।

विवेचकों को बुलवाया तो बोले

पता ही नहीं, क्यों निकाली काल डिटेल: इस मामले में जिन दोनों अपराधों का हवाला दिया गया है, उन दोनों मामलों की विवेचना जो विवेचक कर रहे थे, उनके बयान लिए गए। एक मामले की विवेचना शिवेंद्र गुर्जर और दूसरे मामले की विवेचना महिला पुलिसकर्मी जयलता जाटव कर रही थी। दोनों ने ही सीएसपी को बताया कि उन्हें नहीं पता क्यों काल डिटेल निकलवाई। सिपाही का इस प्रकरण से कोई संबंध नहीं है।

रेत ने कराई खाकी की बदनामी

इससे पहले भी रेत ने खाकी की बदनामी कराई है। रेत के डंपर रोकने में ही डीएसपी प्रमोद शाक्य फंसे थे, उनकी भूमिका सामने आने पर पुलिस मुख्यालय अटैच किया गया था।

यह प्रकरण अत्यंत गंभीर है। जैसे ही यह मामला संज्ञान में आया था तो तुरंत सीएसपी मुरार ऋषिकेष मीणा को जांच के आदेश दिए। सीएसपी द्वारा जांच पूर्ण कर ली गई है, इसका प्रतिवेदन आ गया था। कुछ और जानकारी चाही गई है, यह जानकारी आते ही तुरंत कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इस तरह की मनमानी बिलकुल बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

अमित सांघी, एसएसपी, ग्वालियर