मध्य प्रदेश में लागू हुई नई शराब नीति, अब स्थानीय निकाय आवंटित करेंगे दुकानें
भोपालः मध्य प्रदेश सरकार शराब की दुकानों (Liquor shops) के लिए नई व्यवस्था लाने जा रही है. खबर है कि नगर निगम, नगर पालिकाएं, नगर परिषद और ग्राम पंचायतें अपने-अपने क्षेत्र में शराब की दुकानें आवंटित करेंगे, जिसके बाद यह दुकानें नगर-निगम की जमीन पर खुल सकेंगीं. साथ ही ठेकेदार से बाजार दर पर किराया भी वसूला जाएगा. यही नहीं आबकारी विभाग (Excise Department) इन जगहों को स्थाई करेगा और हर साल लाइसेंस देते समय पुराने कॉन्ट्रैक्टर से जगह खाली कराई जाएगी. इस बात को भी सुनिश्चित किया जाएगा, कि यह दुकानें अस्पताल, स्कूल या रिहायशी इलाकों के पास ना हो.
दरअसल, ठेका खत्म होने के बाद आमतौर पर नया ठेकेदार जगह नहीं मिलने पर प्रतिबंधित क्षेत्र में दुकान खोल लेता है. जिससे कई बार विवाद की स्थिति बन जाती है. प्रदेश में 1 अप्रैल 2020 से नए लाइसेंस दिए जाने हैं. उससे पहले ही सरकार नई व्यवस्था तय कर लेने की तैयारी में है. जानकारी के मुताबिक, यह ड्राफ्ट तैयार हो गया है, जिसे मुख्यमंत्री कमलनाथ से चर्चा के बाद कैबिनेट की बैठक में लाया जाएगा.
आपको बता दें कि प्रदेश में इस वक्त 1061 विदेशी और 2544 देशी शराब की दुकानें हैं. माना जा रहा है कि इस कदम से नगरीय निकायों और ग्राम पंचायतों की आय बढ़ेगी. साथ ही प्रदेश सरकार की भी आय में बढ़ोत्तरी होगी. बताया जा रहा है कि सरकार को सालाना 10 हजार करोड़ से ज्यादा एक्साइज़ ड्यूटी मिलती है. जो इस बार 13 हजार करोड़ तक पहुंचने की उम्मीद है.