नोएडा : बिल्डरों के 40 ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड !

बिल्डरों के 40 ठिकानों पर इनकम टैक्स की रेड …
नोएडा में 40% कैश लेकर होती थी डील; 2 करोड़ कैश, 50 करोड़ टैक्स चोरी के मिले दस्तावेज
भुटानी इंफ्रा पर जारी इनकम टैक्स अधिकारियों की सर्च ..

कॉमर्शियल स्पेस बेचने के नाम पर नोएडा में चार बिल्डर (भूटानी इंफ्रा, ग्रुप 108, एडवंट, लाजिक्स) समेत दो ब्रोकर कंपनी की ओर से नकद लेनदेन के जरिये बड़े पैमाने पर टैक्स चोरी का खेल खेला जा रहा है। जिसके खिलाफ इनकम टैक्स ने गुरुवार को नोएडा, दिल्ली, फरीदाबाद में 37 ठिकानों पर सर्च शुरू की गई थी, जो शुक्रवार को बढ़कर 40 स्थानों पर पहुंच चुकी है।

अब तक की सर्च में बिल्डरों के ठिकानों से दो करोड़ नकद और 50 करोड़ रुपए नकद लेन देने के दस्तावेज जब्त किए जा चुके है। अब यह सर्च लंबी खींचने का अनुमान लगाया जा रहा है। दस्तावेजों के स्पष्ट होता जा रहा है कि लाजिक्स ग्रुप कॉमर्शियल स्पेस को बड़े पैमाने पर बेचने का ठेका भूटानी ग्रुप की ओर से लिया गया है, जिसमें सभी की हिस्सेदारी तय है। इस सर्च में आयकर विभाग के 400 से ज्यादा कर्मी और अधिकारी लगे है। इसमें नोएडा में अब 21 स्थान, दिल्ली में 18 और फरीदाबाद में एक स्थान पर सर्च जारी है।

एक अन्य लोकेशन पर जारी सर्च
एक अन्य लोकेशन पर जारी सर्च

कॉमर्शियल स्पेस बेचने में हुआ टैक्स चोरी का पूरा खेल, 40 प्रतिशत लिया जाता था कैश
ये पूरा खेल लॉजिक्स ग्रुप के कॉमर्शियल प्लाट स्पेस को बेचने को लेकर किया गया। लॉजिक्स ने इसके लिए भूटानी ग्रुप से इंटरनल एग्रीमेंट किया। जिसके तहत भूटानी ने इस स्पेस को बेचना शुरू किया। यहां अधिकांश पैसा ब्लैक में खपाया गया। लगभग एक प्लाट को बेचने में 40 प्रतिशत तक की धनराशि कैश में ली गई। जिसकी न कोई पक्के दस्तावेज होते है और न ही कोई लीगल डाक्यूमेंट। इसी कॉमर्शियल स्पेस में नामी गिनामी लोगों ने अपना ब्लैक मनी भूटानी में खपाया। इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को मिली।

सांकेतिक फोटो
सांकेतिक फोटो

2000 करोड़ के लोन को चुकाने के लिए भूटानी से मिलाया हाथ
सोर्स के मुताबिक लॉजिक्स ग्रुप ने इंडिया बुल्स से करीब 2000 करोड़ का लोन लिया। इस लोन के बाद उसने नोएडा में पांच से छह प्लाट लिए। ये प्लाट ऑफिस कॉमर्शियल स्पेस के लिए थे। यहां निर्माण शुरू किया गया लेकिन आधा अधूरा निर्माण के बाद लॉजिक्स ने काम बंद कर दिया। उधर लगातार इंडिया बुल्स की ओर से लोन जमा करने का प्रेशर बना। जिसके चलते लॉजिक्स ने भूटानी ग्रुप के साथ एक एग्रीमेंट साइन किए। जिसके तहत भूटानी ग्रुप इनका कॉमर्शियल स्पेस बनाएगा और बेचेगा। धीरे धीरे लोन के पैसे लॉजिक्स को देगा। हुआ भी ऐसा। लेकिन यहां अधिकतर खेल टैक्स चोरी कर किया गया ।

फरवरी 2022 में इनकम टैक्स को मिला पहला इनपुट
डेढ़ साल पहले फरवरी 2022 में इनकम टैक्स विभाग को पहला इनपुट मिला। इसके बाद उन्होंने दस्तावेजों को खंगालना शुरू किया। इस दौरान उन्हें जानकारी मिली कि भूटानी ग्रुप दो भागों में बंट गया। पहली भूटानी इंफ्रा और दूसरा ग्रुप 108। ये दोनों एक मदर कंपनी के दो हिस्से है। इनका पैसा भी इस कॉमर्शियल स्पेस में लगा। इसी तरह एडवंट बिल्डर भी पहले भूटानी के साथ कोलेब्रेशन में काम करता था। उसका पैसा भी इसमें लगा है। ऐसे में इन चारों बिल्डरों पर एक साथ सर्च की गई।

भूटानी की एक अन्य लोकेशन पर सर्च के दौरान गेट पर बैठे पुलिस कर्मी
भूटानी की एक अन्य लोकेशन पर सर्च के दौरान गेट पर बैठे पुलिस कर्मी

अब तक दो करोड़ रुपए मिला कैश
इस सर्च में अब तक नोएडा के अलग-अलग स्थानों से करीब 2 करोड़ रुपए कैश मिल चुका है। अंदाजा है कि कैश बढ़ सकता है क्योंकि अब तक कई दराज खोले नहीं जा सके है। इसके अलावा कई लोकेशन को बदला गया। यानी जो लोकेशन विभाग को मिली उसके आसपास इन लोगों ने नए ठिकाने बनाए है। अब वहां भी सर्च की जा रही है। इसके अलावा 50 करोड़ के टैक्स चोरी के दस्तावेज यानी कच्चे बिल मिले है। ये रकम कॉमर्शियल स्पेस बेचने के दौरान के है।

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