‘वोट बैंक की राजनीति’, किसान आंदोलन पर ब्रिटेन संसद में हुई बहस का भारत ने किया विरोध, उच्चायुक्त को किया तलब

ये बहस ऐसे समय पर की गई, जब कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर भारत में किसानों का प्रदर्शन जारी है. वहीं लंदन स्थित भारत के उच्चायोग ने ब्रिटिश सांसदों के बहस के आयोजन को एक तरफ और झूठे दावों से भरा बताया.

भारत के कृषि सुधारों पर सोमवार को ब्रिटिश संसद में अवांछित एवं एक विशेष विचार का समर्थन करने वाली चर्चा कराए जाने को लेकर मंगलवार को विदेश मंत्रालय ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त को तलब किया और अपना कड़ा विरोध दर्ज कराया. विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव हर्ष वर्धन श्रृंगला ने ब्रिटेन के उच्चायुक्त से कहा कि भारत के कृषि सुधारों पर ब्रिटिश संसद में चर्चा कराया जाना दूसरे लोकतांत्रिक देश की राजनीति में दखलअंदाजी है.

साथ ही विदेश मंत्रालय ने कहा कि विदेश सचिव ने उच्चायुक्त को ये हिदायत भी दी कि ब्रिटिश सांसदों को विशेष रूप से अन्य लोकतांत्रिक देश से जुड़े घटनाक्रमों पर वोट बैंक की राजनीति करने से बचना चाहिए. इससे पहले सोमवार को ब्रिटेन के कुछ सांसदों ने किसानों के प्रदर्शनों को लेकर ब्रिटिश संसद में एक बहस का आयोजन किया.

ये बहस ऐसे समय पर की गई, जब कृषि क्षेत्र में सुधार के लिए भारत सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों को लेकर भारत में किसानों का प्रदर्शन जारी है. वहीं लंदन स्थित भारत के उच्चायोग ने ब्रिटिश सांसदों के बहस के आयोजन को एक तरफ और झूठे दावों से भरा बताया. साथ ही इसकी निंदा भी की.

यहां गौर करने वाली बात ये है कि ब्रिटिश सरकार ने पहले ही इस बात को दोहराया था कि तीन कृषि कानून भारत का घरेलू मुद्दा है. साथ ही ब्रिटिश सरकार ने भारत के महत्व को भी रेखांकित किया. ब्रिटिश सरकार ने कहा कि भारत और ब्रिटेन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में अच्छे माहौल के लिए काम करते हैं. साथ ही दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय सहयोग कई वैश्विक समस्याओं को ठीक करने में मदद करता है.

 

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