Gwalior जल्द नहीं आ रही सैंपल रिपोर्ट,मावा और पनीर नकली या असली कैसे पता चले
भिंड में मावा और मुरैना में पनीर का बड़ा गढ़ है। यहीं की खेप सामने आ रही हैं जो कि प्रदेशभर देशभर में जाती हैं।……
रेलवे स्टेशन पर शनिवार को सुबह और शाम पकड़े गए मावा के मालिक रविवार को सामने आ गए लेकिन यह पता करने में समय लगेगा कि माल नकली था या असली। इसका कारण यह है कि भोपाल लैब से सैंपल पंद्रह से बीस दिन में आ रहे हैं। इस कारण यह हालात है। वहीं सर्विलांस को और बढ़ा दिया गया है। अभी तक यही सामने आया है कि भिंड में मावा और मुरैना में पनीर का बड़ा गढ़ है। अभी तक की कार्रवाई में यहीं की खेप सामने आ रही हैं जो कि प्रदेशभर के अलावा देशभर में भेजी जाती हैं।
ज्ञात रहे कि खाद्य विभाग की टीम ने शनिवार को सुबह व शाम को रेलवे स्टेशन पर पनीर व मावा पर कार्रवाई की थी। सुबह 665 किलो मावा जब्त किया था,यह मावा भिंड जिल के गोहद से आया था। इसे महाराष्ट्र के नासिक भेजा जा रहा था। एक युवक इस मावे के पास खड़ा था, लेकिन खाद्य विभाग की टीम को देखकर कागज फेंककर भाग गया। स्टेशन पर शाम को 10 क्विंटल पनीर व डेढ क्विटंल मावा जब्त किया गया था। रविवार को दोनों के मालिक सामने आ गए।
13 क्विंटल पनीर के लिए भोपाल में किया अलर्ट
मुरैना से 23 क्विंटल पनीर शाम को रेलवे स्टेशन पर पहुंचा। 23 में 13 क्विंटल पनीर भोपाल के लिए निकल गया था, लेकिन 10 क्विंटल पनीर को जब्त कर लिया। इसकी बिल्टी रद्द करा दी गई थी। भोपाल पहुंचे माल के लिए वहां फूड एंड सेफ्टी टीम को अलर्ट कर दिया गया है जिससे वे सैंपल ले सकें।
यह हैं जब्ती,विनिष्टकरण के नियम
-मावा या पनीर जैसा कोई उत्पाद पकड़ा जाता है और उसका मालिक अज्ञात होता है तो चौबीस घंटे इंतजार के बाद उसे विनिष्ट कर दिया जाता है।
-मावा या पनीर ज्ञात है और मालिक सामने नहीं आता तो उसे सुरक्षित जब्ती में रख दिया जाता है और मालिक सामने आ जाता है तो मालिक की भी सुपुर्दगी में रखा जाता है और सैंपल आने तक उस मावा या पनीर का उपयोग नहीं हो सकेगा।
-सैंपल अगर फेल आता है तो विभागीय प्रक्रिया तो होगी साथ ही सामान भी विनिष्ट कर दिया जाता है।
-सैंपल रिपोर्ट सात दिन में आने का नियम है लेकिन भोपाल एक ही फूड लैब पर पूरे प्रदेश का लोड है इसलिए यह संभव नहीं हो पाता है।