गोवा …. कसीनो के खिलाफ गोवा में छिड़ी जंग … स्थानीय लोगों का कहना- यहां 16-18 साल की लड़कियों को ड्रग्स, सेक्स और जुए की लत, हर शाम इनकी बोली लगती है

‘मेरे घर के नीचे हर रोज 16-16, 18-18 साल की लड़कियों की बोली लगती है। इनमें कोई गोवा की होती है, तो कोई गोवा के बाहर की। कसीनो वालों ने इन लड़कियों को एस्कॉर्ट बना दिया है। कसीनो में जो लोग मोटा पैसा खर्च करते हैं, उन्हें ‘फंसाने’ के लिए इन लड़कियों को इस्तेमाल किया जा रहा है कसीनो से ही ड्रग्स और जुए का भी कारोबार चल रहा है। इसलिए हम सालों से गोवा में कसीनो बंद करने की जंग छेड़े हुए हैं।’

 

यह कहना है गोवा में पैदा हुए और पले-बढ़े डॉ. जो डिसूजा का। डॉ. डिसूजा साइंटिस्ट हैं और कुछ ही दिनों पहले उन्होंने गोवा सरकार के खिलाफ एक पिटीशन कोर्ट में लगाई है, क्योंकि सरकार समुद्र में पानी के ऊपर एक बिल्डिंग खड़ी कर रही है, जहां कसीनो भी चलेगा।

गोवा में 14 फरवरी को वोटिंग है। किसी भी पार्टी ने इस बार कसीनो बंद करने का वादा नहीं किया है, लेकिन स्थानीय लोगों का एक बड़ा वर्ग कसीनो के खिलाफ खड़ा हो गया है। उनका कहना है कि, कसीनो के चलते गोवा ड्रग्स, सेक्स और जुए का गढ़ बन गया है। जिसके चलते नई पीढ़ी भी बर्बाद हो रही है।

गोवा में अभी करीब पांच ऑफशोर (समुद्र किनारे से दूर) और लगभग दस ऑनशोर (समुद्र के किनारे पर) कसीनो चल रहे हैं। सरकार ने साल 2018-19 में इस सेक्टर से 414 करोड़ रुपए की कमाई की थी।

वो मोटी रकम देते हैं इसलिए सरकारें बंद नहीं करवा पातीं…
गोवा में पिछले करीब 35 सालों से सामाजिक संगठन चला रहीं और पेशे से टीचर शबीना मार्टिस कहती हैं, ‘हर बार चुनाव के पहले वादा किया जाता है कि कसीनो बंद किए जाएंगे, लेकिन बंद कोई नहीं करता।

कांग्रेस से लेकर BJP तक ने सिर्फ कसीनो बढ़ाने का ही काम किया, क्योंकि हर पार्टी को कसीनो वाले मोटी रकम देते हैं, यदि वे उनकी परमीशन निरस्त करेंगे तो फिर पार्टियों के पास पैसा कहां से आएगा।’

शबीना के मुताबिक, ‘गोवा में कसीनो का एडिक्शन इतना बढ़ गया है कि, जिंदगियां बर्बाद हो रही हैं। कई लोगों की प्रॉपर्टी बिक गईं। चोरी और क्रिमिनल एक्टिविटी यहां आम बात है। बैंक फ्रॉड भी हो रहे हैं और लॉ एंड ऑर्डर की हालत खस्ताहाल है। दिखाने के लिए कई कानून बना दिए गए हैं, लेकिन सख्ती से कुछ भी लागू नहीं है।

हालात ये हैं कि बीते 5 सालों में CM ने हमें एक बार भी मिलने का मौका नहीं दिया, क्योंकि हम कसीनो के खिलाफ जमीनी लड़ाई लड़ रहे हैं।’ वे कहती हैं, ‘गोअन लोगों में एक साइलेंट एंगर है और इस बार इसका असर चुनाव में जरूर दिखेगा।’

गरीब लड़कियों को लाकर एस्कॉर्ट बना रहे…
सोशल एक्टिविस्ट लॉयर रूही फलेरो कहते हैं, ‘महाराष्ट्र, कनार्टक जैसे राज्यों से गरीब लड़कियों को यहां लाकर एस्कॉर्ट बना दिया जाता है। कसीनो चलाने वाले अधिकतर लोग दिल्ली के हैं। ये लोग बिहार, UP के लोगों को काम पर रखते हैं।

  

मैनेजर लेवल के काम के लिए नॉर्थ-ईस्ट की लड़कियों को रखा जाता है। गोअन को तो यहां रोजगार भी नहीं मिल रहा। डर इतना है कि कोई इनके खिलाफ आवाज नहीं उठाता। मुझे भी कई बार धमकी मिल चुकी है कि, फलां बहुत पावरफुल आदमी है। सुप्रीम कोर्ट के लॉयर उसके दोस्त हैं। इसलिए आप चुप ही रहो।’

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *