काले हिरणों के शिकार का प्लान सरपंच का था!:गुना पुलिसकर्मी हत्याकांड में फरार आरोपी की पत्नी का दावा- उन्हें जबरदस्ती भगाया

गुना के पुलिसकर्मी हत्याकांड में अब तक 4 आरोपी पुलिस गिरफ्त में आ चुके हैं, तीन एनकाउंटर में मारे गए हैं। दो आरोपी फरार चल रहे हैं। पुलिस की लगभग 10 टीमें इनको ढूंढने में लगी हैं। फरार चल रहे एक आरोपी विक्की उर्फ दिलशाद की पत्नी रेहाना ने कहा- उसका पति तो शिकार करने गया ही नहीं था।….. से हुई बातचीत में उसने क्या बताया, पढ़िए…

पति दिन में बाजार गए थे। शाम को सामान लेकर लौटे। इसके बाद दुकान का सामान जमा रहे थे। उनके पैर में छाले हो गए थे। उनसे चलते भी नहीं बन रहा था। फिर भी वो एक दोस्त के साथ बाजार गए थे। इसके बाद रातभर वे घर पर ही थे। गांव में दो-तीन शादियां थी। हमारे घर में बहुत मेहमान थे। उन्हें टाइम ही नहीं था। मुझे अंदर मेहमानों में जाना पड़ा मेहंदी लगाने के लिए। उनमें हिम्मत नहीं थी। बस दुकान का सामान बैठे-बैठे दे रहे थे। हम लोग रात को ढाई-तीन बजे सोए थे। इतने में हमारी नींद फिर खुल गई। 4-5 बजे ऐसा सुनाई आया कि ऐसा-ऐसा हो गया है। वो तो यहीं पर थे। हमें मालूम नहीं था कि पुलिस आएगी यहां।

जब पुलिस आ गई तो गांव के सभी लोग भागने लगे। वो नहीं जा रहे थे। सभी भागे तो पुलिस के डर की वजह से सभी ने उनसे कहा कि तू भी जा यहां से। तुझे ले जाएगी पकड़कर। वो जा नहीं रहे थे, तब भी उन्हें जबरदस्ती भगा दिया गया। अभी तक उनकी कोई जानकारी नहीं लगी है। ना हमारे फोन लग रहे हैं, ना हमारी बात हो पा रही है उनसे। हम तो बस लाचार की तरह पड़े हैं और वो भी लाचार की तरह फिर रहे हैं। एक जोड़ी कपड़े में घर से निकल गए पुलिस के डर की वजह से। अभी तो उनकी ड्यूटी लगी थी NFL में। वो ड्यूटी जाते थे, लेकिन 8 दिन से पैरों में छालों की वजह से वह ड्यूटी नहीं जा पा रहे थे। डॉक्टर से भी इलाज चल रहा था।

कल्ला सरपंच और गगन 13 मई को ही गांव में आए थे। यहां से माता को ले जा रहे थे। उसी दिन नौशाद की उनसे बात हुई थी। ये लोग शिकार करने नौशाद के साथ ही गए थे। जब माता को यहां से गांव वाले ले जा रहे थे, तब उनकी बात हो गई थी। तभी उनका प्लान बन गया होगा जाने का…। मैं बड़ों के बीच में क्यों बोलूंगी? इसलिए कुछ नहीं बोला। हम दोनों तो दुकान में थे। नौ महीने वो जेल में रहकर आए। पहले भी घर में सोते समय पुलिस उठा ले गई थी। तब भी उनके नाम लिख दिए थे। तब भी 9 महीने जेल काटी। हम कैसे-कैसे रहे। इतनी मुसीबतें उठाईं। दूध का जला तो छाछ भी फूंक-फूंक कर पीता है। हम ठोकर खा कर नहीं सुधरेंगे तो कब सुधरेंगे। दिलशाद ने कहा था कि कभी तुझे छोड़कर नहीं जाऊंगा। कभी कोई गलत काम नहीं करूंगा।

::: जैसा रेहाना ने …. को बताया

सरपंच पर लगे आरोपों और चश्मदीद के बताए गए घटनाक्रम पर …….. ने SP राजीव कुमार मिश्रा से बातचीत की। पढ़िए, भास्कर के सवालों पर SP के जवाब-

सवाल: आरोपी पक्ष का कहना है कि गगन, कोमल और कल्ला सरपंच नौशाद को लेकर उसके घर पहुंचे थे। शिकार में ये तीनों भी शामिल थे। इन लोगों से पूछताछ हुई क्या?

जवाब: ये गलत है। हमारे पास घटनाक्रम के जो एविडेंस हैं, उसमें इनकी कहीं उपस्थिति है ही नहीं। पुख्ता एविडेंस हैं हमारे पास। नौशाद के साथ में जो लोग थे, वही लोग उसे घर लाए थे। इसके भी पुख्ता एविडेंस हैं हमारे पास।

सवाल: यह चर्चा है कि राजकुमार जाटव का शहजाद और नौशाद से पैसे को लेकर कोई विवाद था। एक लाख रुपए की डिमांड की गई थी। तो क्या ऐसा कोई इनपुट आया?

जवाब: नहीं। इस प्रकार की कोई बात नहीं है। न ऐसा कोई इनपुट आया। तुरंत सूचना आई। जनरल सूचना पर वो गए और इस तरह की दुखद घटना हुई। अब ये सब बाद की बातें हैं, जो अक्सर इस तरह के मामले में कही जाने लगती हैं, सामने वाले पक्ष द्वारा अपना पक्ष मजबूत करने के लिए। लेकिन, इस प्रकार की कोई बात नहीं है। यह पूरी तरह गलत है।

सवाल: घटना के चश्मदीद ड्राइवर लखन गिरी का कहना है कि SI राजकुमार जाटव बाइक से गए थे। पुलिस की कहानी है कि सब कार से गए थे। दोनों में अंतर क्यों?

जवाब: अभी वो भोपाल में भर्ती हैं। अभी उनसे बात नहीं हो पाई है। सारा इनपुट वही है, जो FIR में आया है। देखने वाले वही हैं, वो तो सब सामने से देख रहे हैं। अब ये (ड्राइवर) किन हालातों में बोल रहे हैं, ये वहां थे, नहीं थे, सारी चीजें देखकर हम उसको विवेचना में लेंगे।

सवाल: बाकी के जो आरोपी हैं, उनको लेकर पुलिस क्या कर रही है?

जवाब: सर्चिंग जारी है। पुलिस पार्टियां लगी हुई हैं। क्योंकि ये अभी भूमिगत हो गए हैं, ऐसी स्थितियां बनी तो हैं। लेकिन, जल्दी पकड़े जाएंगे।

 

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