भिंड : केमिकल, शैंपू, सर्फ, हाइड्रोजन पैराक्साइड से बनता था नकली दूध…:
- डॉक्टर बोले-केमिकल से बना नकली दूध किडनी को करता है डेमेज, बहुत खतरनाक है …
- भिंड लहार से पकड़ा आरोपी STF के पास कर रहा खुलासा
भिंड के लहार चाची का पुरा से पकड़ा गया नकली दूध का कारोबार करने वाला अब STF (स्पेशल टॉस्क फोर्स) के पास बड़े-बड़े खुलासे कर रहा है। आरोपी राजू उर्फ रामवीर चौहान को STF ने कोर्ट में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया है। यहां पूछताछ मंे उसने खुलासा किया है कि किस तरह 20 लीटर दूध के साथ शैंपू, सर्फ, केमिकल, माल्टोज व हाइड्रोजन पैरा ऑक्साइड मिलाकर एक टैंकर दूध तैयार कर देता था। नकली दूध काे बैलेंस देने के लिए वह फुल क्रीम दूध का उपयोग करता था। इसका घोल बनाकर पूरा दूध तैयार किया जाताहै। इस नकली दूध को वह शादी, पार्टी व कई कंपनियों को ठिकाने लगाता था। ग्वालियर के CMHO (चीफ मेडिकल एंड हेल्थ ऑफिसर) डॉ.मनीष शर्मा की माने तो नकली व केमिकल युक्त दूध या कोई भी पदार्थ सबसे पहले किडनी पर असर डालता है। यही कारण है कि किड्नी फेल के केस ज्यादा आने लगे हैं। STF पुलिस इस संबंध में अन्य साथियों को लेकर आरोपी से पूछताछ में जुट गई है।
![नकली दूध बनाने वाले के ठिकाने से बरामद केमिकल](https://images.bhaskarassets.com/web2images/521/2022/08/24/2_1661361183.jpg)
यह है पूरा मामला
ग्वालियर STF की यूनिट ने भिंड चाची का पुरा लहार से राजू उर्फ रामवीर चौहान के कच्चे मकान में नकली दूध बनाने के अवैध कारोबार का खुलासा किया था। STF ने यहां से राजू को हिरासत में लिया था। 5 साल पहले गांव वालों से दूध लेकर राजू घर-घर बेचता था। इसमें मेहनत ज्यादा, कमाई कम थी। पर उसे जल्दी अमीर बनना था। इसी बीच उसे इटावा में नकली दूध बनाने का कारोबार के बारे में पता लगा। वहां जाकर उसने 15 दिन में इसने नकली दूध तैयार करने का तरीका सीखा और अब सिर्फ 30 मिनट में नकली दूध का टैंकर भर देता है। जब STF पुलिस ने इस नकली दूध के कारोबार को पकड़ा तो उसके ठिकाने से 50 किलो आरएम केमिकल, 30 किलो लिक्विड डिटर्जेंट, 19 कैन रिफाइंड सोयाबीन का तेल, 325 किलो वजनी, 13 बोरी माल्टोज पाउडर, 5 केन हाइड्रोजन पैराक्साइड, 7 किलो कास्टिक, 15 शैंपू पाउच, एक मोटर, दो गैस चूल्हे, दो सिलेंडर और रिफाइंड तेल के 20 खाली पाउच मिले थे। इन केमिकल के जरिए राजू मिनटों में नकली दूध तैयार कर लेता था। टैंकर में करीब साढ़े पांच हजार लीटर दूध आता है।
20 से 25 रुपए में तैयार हो जाता है एक लीटर नकली दूध
केमिकल से दूध को तैयार करने में 20 से 25 रुपए प्रति लीटर का खर्चा आता है, जबकि 40 से 45 रुपए के बीच में बिकता है। एक टैंकर पर करीब डेढ़ लाख की कमाई होती है। इस दूध को ज्यादातर शादी विवाह के समय डिमांड पर खपाया जाता था। इसलिए सीजन में एक दिन में तीन टैंकर दूध तैयार करता था। अब STF आरोपी से पूछताछ कर रही थी कि कौन-कौन उसके इसे धंधे से जुड़ा है। कहां-कहां वह रेगुलर नकली दूध सप्लाई करता था।
केमिकल मिला दूध करता है किड्नी, नर्वस सिस्टम को डेमेज
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि इस केमिकल के दूध का लोगों पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। जिस कारण उन्हें जनलेवा बड़ी बीमारियां हो सकती है। केमिकल सबसे पहले किडनी पर असर करता है। इसके बाद नर्वस सिस्टम पर भी उसका असर होता है। किडनी फेल होने के मामले भी केमिकल युक्त खादय सामग्री के चलते बढ़े हैं। फिलहाल आरोपी राजू को नकली दूध बनाने घातक केमिकल कौन मुहैया कराता है। उससे थोक में नकली दूध के खरीदार कौन हैं। इस धंधे में उसके साथ कौन लोग शामिल हैं। यह खुलासा नहीं कर रहा है।
पुलिस का कहना
ग्वालियर STF के DSP रोबिन जैन ने बताया कि लहार में नकली दूध बनाते पकड़े गए राजू उर्फ रामवीर चौहान को ग्वालियर STF ने कोर्ट में पेश कर तीन दिन की रिमांड पर लिया है। उसने पूछताछ में कई राज खोले हैं। उसने पुलिस को बताया कि कैसे वह 15 से 20 लीटर दूध से एक टैंकर नकली दूध तैयार करता था। राजू को नकली दूध बनाने के लिए घातक केमिकल कौन मुहैया कराता है। उससे थोक में नकली दूध के खरीदार कौन हैं। इस धंधे में उसके साथ कौन लोग शामिल हैं। यह पूछताछ जारी है।
10 रुपए में कराई दूध की शुद्धता की जांच
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ग्वालियर डॉ. मनीष शर्मा ने बताया कि केमिकल से नकली दूध बनाने और उसे पीने के बाद किडनी खराब हो सकती है। उन्होंने कि शहर में फूड टेस्ट मोबाइल लैब लगातार घूमती हैं। जिस पर सिर्फ 10 रुपए खर्च कर आप दूध या अन्य पदार्थ की शुद्धता की जांच करा सकते हैं।