भोपाल। प्रदेश सरकार ने 12 साल बाद महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के मानदेय (वेतन-भत्ते) में दोगुनी तक वृद्धि कर दी। महापौर को अब प्रतिमाह 22 हजार रुपये मानदेय और पांच हजार रुपये सत्कार भत्ता मिलेगा। अध्यक्षों को प्रतिमाह 18 हजार रुपये मानदेय और दो हजार 800 रुपये सत्कार भत्ता दिया जाएगा। पार्षदों को 12 हजार रुपये मानदेय मिलेगा। वित्त विभाग की अनुमति के बाद नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने अधिसूचना जारी कर दी है।
इसके साथ ही अब तक नगर निगम में जनसंख्या के अनुसार वेतन-भत्ते देने की व्यवस्था समाप्त करके सबके लिए एक व्यवस्था बना दी गई है। मनोनीत पार्षदों को भी मानदेय मिलेगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नगरीय निकाय चुनाव के बाद निर्वाचित जनप्रतिनिधियों के प्रथम सम्मलेन में महापौर, अध्यक्ष और पार्षदों के मानदेय को दोगुना करने की घोषणा की थी। इसके पहले वर्ष 2010 में मध्य प्रदेश नगर पालिक निगम (पार्षदों को पारिश्रमिक तथा भत्ते) नियम 1995 और मध्य प्रदेश नगर पालिका (पार्षदों को पारिश्रमिक तथा भत्ते) नियम 1995 में संशोधन हुआ था। मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुरूप प्रस्ताव में संशोधन करके नगरीय विकास एवं आवास विभाग ने वित्त विभाग को भेजा था, जिसे अनुमति मिलते हुए अधिसूचित कर लागू कर दिया गया है।
नगर पालिका अध्यक्ष का मानदेय छह हजार होगा
नगर पालिका के अध्यक्ष को अब तीन हजार रुपये के स्थान पर छह हजार रुपये मानदेय मिलेगा। सत्कार भत्ता एक हजार 800 रुपये से बढ़ाकर तीन हजार 600 रुपये कर दिया गया है। उपाध्यक्ष को दो हजार 400 रुपये प्रतिमाह के स्थान पर चार हजार 800 रुपये मानदेय और एक हजार 600 रुपये सत्कार भत्ता प्रतिमाह मिलेगा। पार्षद को एक हजार 800 रुपये के स्थान पर तीन हजार 600 रुपये मिलेंगे। प्रति बैठक दैनिक भत्ता 390 रुपये मिलेगा, जो प्रतिमाह 750 रुपये से अधिक नहीं होगा।
नगर परिषद अध्यक्ष को 4,800 रुपये मिलेगा मानदेय
नगर परिषद के अध्यक्ष का मानदेय सरकार ने दो हजार 400 रुपये से बढ़ाकर चार हजार 800 रुपये कर दिया है। वहीं, सत्कार भत्ता प्रतिमाह एक हजार 100 रुपये के स्थान पर दो हजार 200 रुपये प्रतिमाह होगा। उपाध्यक्ष का मानदेय दो हजार 100 रुपये से बढ़ाकर चार हजार 200 रुपये और सत्कार भत्ता आठ सौ रुपये से बढ़ाकर एक हजार 600 रुपये किया जाएगा। पार्षदों को एक हजार 400 रुपये के स्थान पर दो हजार 800 रुपये प्रतिमाह मानदेय मिलेगा। बैठक भत्ता 120 रुपये के स्थान पर 240 रुपये मिलेगा पर यह प्रतिमाह 720 रुपये से अधिक नहीं होगा।