MP के नए सीएम मोहन यादव के बारे में !

MP के नए सीएम मोहन यादव के बारे में
1984 में ABVP से राजनीति की शुरुआत; सड़क पर संघर्ष करने की छवि

मोहन यादव 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे। इसके बाद 2018 और 2023 का विधानसभा चुनाव भी जीते। 

उज्जैन दक्षिण विधानसभा सीट से विधायक मोहन यादव मध्यप्रदेश के नए मुख्यमंत्री होंगे। यादव ने 1984 में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 1986 में उन्हें ABVP के विभाग प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई। यादव की छवि सड़क पर संघर्ष करने की रही है।

मोहन यादव को 2003 में पार्टी ने उज्जैन जिले की बड़नगर सीट से टिकट दिया था, लेकिन वहां कार्यकर्ताओं ने शांतिलाल धबाई को टिकट की मांग को लेकर प्रदर्शन किया। यादव ने संगठन की बात को मानकर तत्काल टिकट लौटा दिया। इससे पार्टी में उनकी अलग छवि बन गई और उनका कद भी बढ़ गया।

उमा भारती मुख्यमंत्री बनीं तो उन्हें उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बनाया। बाद में उन्हें मप्र पर्यटन विकास निगम का चेयरमैन भी बनाया गया। 2013 में उज्जैन दक्षिण से पार्टी ने टिकट दिया और वे चुनाव जीत गए। 2018 में दूसरी बार विधायक चुने गए। 2 जुलाई 2020 को उन्हें शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री बनाया गया।

1965 में उज्‍जैन में पूनमचंद यादव और लीलाबाई के घर जन्‍मे मोहन यादव एमए, पीएचडी हैं।

सीएम पद के लिए मोहन यादव के नाम की घोषणा होने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया।
सीएम पद के लिए मोहन यादव के नाम की घोषणा होने के बाद बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं ने माला पहनाकर उनका स्वागत किया।

जब उमा भारती के लिए गाड़ी की व्यवस्था की

मोहन यादव को पूर्व सीएम उमा भारती का भी करीबी बताया जाता है। 30 नवंबर 2003 को उमा भारती चुनाव प्रचार करने उज्जैन पहुंची थीं। ये प्रचार का आखिरी दिन था। उमा भारती ने रात्रि विश्राम हरसिद्धि धर्मशाला में किया। उस वक्त उनका साक्षात्कार लेने गए पत्रकार विवेक चौरसिया बताते हैं- सुबह का वक्त था। उमा भारती ने आवाज देकर कहा- मोहन, मेरे भोपाल जाने की क्या व्यवस्था है?

मोहन यादव ने कहा- गाड़ी तैयार है, दीदी। इसके बाद की उनकी राजनीतिक यात्रा को आप समझ सकते हैं। उमा भारती सीएम बनीं तो उन्होंने मोहन यादव को उज्जैन विकास प्राधिकरण का अध्यक्ष बना दिया। वे 2010 तक इसी पद पर रहे।

हिंदू नव वर्ष पर विक्रमोत्सव को बड़ा इवेंट बनाया

मोहन यादव के बारे में कहा जाता है कि वे संघर्षशील हैं। जनता के मुद्दों पर वे सड़क पर कई बार उतर चुके हैं। उन्हें विजनरी वाला नेता भी माना जाता है। उज्जैन विकास प्राधिकरण के चेयरमैन के कार्यकाल के दौरान ही उज्जैन में वेदशाला, तारामंडल, विक्रमादित्य पीठ की स्थापना हुई।

हिंदू नववर्ष गुड़ी पड़वा पर हर साल उज्जैन में होने वाले विक्रमोत्सव को भव्य स्वरूप देने का श्रेय भी उन्हें दिया जाता है।

पत्नी बोलीं- बाबा महाकाल ने मेहनत का फल दिया

मुख्यमंत्री चुने जाने पर मोहन यादव के उज्जैन स्थित आवास पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनकी बहन का मुंह मीठा कराया।
मुख्यमंत्री चुने जाने पर मोहन यादव के उज्जैन स्थित आवास पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनकी बहन का मुंह मीठा कराया।

मोहन यादव तलवारबाजी, लठ्ठ चलाने और कुश्ती के शौकीन हैं। वे राज्य कुश्ती संघ के अध्यक्ष भी हैं। म़ॉर्निंग वॉक और साइकिलिंग भी उनकी हॉबी में शामिल हैं। मुख्यमंत्री के रूप में अपने नाम के ऐलान के बाद मोहन यादव ने कहा- मैं पार्टी का एक छोटा सा कार्यकर्ता हूं। प्यार और सहयोग के लिए पार्टी की स्टेट लीडरशिप और केंद्रीय लीडरशिप का बहुत-बहुत धन्यवाद। मैं अपनी जिम्मेदारी पूरी तरह से निभाऊंगा।

वहीं, उनकी पत्नी सीमा यादव ने कहा- मेहनत का फल अच्छा होता है। हमारी खुशी का ठिकाना नहीं है। भगवान महाकाल ने मेहनत का फल दिया है। उनके दो बेटे और एक बेटी हैं। बड़ा बेटा डॉ. अभिमन्यु यादव उर्फ कान्हा, बेटी डॉ. आकांक्षा और सबसे छोटा बेटा वैभव यादव है।

पिता पूनमचंद और मां लीलाबाई ने कहा- कभी नहीं सोचा था कि हमारा बेटा मुख्यमंत्री बन जाएगा। यह माता और बाबा महाकाल की कृपा है। बहन कलावती यादव ने कहा कि मोहन ने बहुत संघर्ष किया है। वे जब भी उज्जैन आते थे तो महाकाल का दर्शन करने जरूर जाते थे।

विवादों से भी रहा है नाता, चुनाव आयोग ने लगाया था प्रतिबंध

मोहन यादव ने सीता माता को लेकर विवादित बयान भी दिया था। उन्होंने कहा था, ‘मर्यादा के कारण राम को सीता को छोड़ना पड़ा। उन्होंने वन में बच्चों को जन्म दिया। कष्ट झेलकर भी राम की मंगलकामना करती रहीं। आज के दौर में यह जीवन तलाक के बाद की जिंदगी जैसा है।’

चुनाव आयोग ने 2020 उपचुनाव के दौरान मोहन यादव के प्रचार करने पर एक दिन का प्रतिबंध लगाया था। ये एक्शन असंयमित भाषा का उपयोग करने पर लिया गया था।

तस्वीर 3 दिसंबर की है, जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले मोहन यादव पत्नी के साथ बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।
तस्वीर 3 दिसंबर की है, जब विधानसभा चुनाव के नतीजे आने से पहले मोहन यादव पत्नी के साथ बाबा महाकाल का आशीर्वाद लेने पहुंचे थे।

प्रदेश के 20वें सीएम होंगे, शिवराज सिंह से 6 साल छोटे

मध्यप्रदेश के 20वें सीएम होने वाले मोहन यादव शिवराज सिंह चौहान से उम्र में 6 वर्ष छोटे हैं। ये चौथा मौका है, जब मालवा अंचल से भाजपा ने मुख्यमंत्री बनाया है। इससे पहले देवास से कैलाश जोशी और रतलाम से सुंदर लाल पटवा मुख्यमंत्री रह चुके हैं। इनके अलावा मालवा-निमाड़ से कैलाश नाथ काटजू और प्रकाश चंद सेठी भी सीएम रह चुके हैं।

एबीवीपी, आरएसएस और भाजपा तीनों में काम करने का अनुभव

शिवराज कैबिनेट में उच्च शिक्षा मंत्री रहे मोहन यादव को अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी), राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) और भाजपा में काम करने का लंबा अनुभव है। वे प्रदेश में सबसे ज्यादा पढ़े-लिखे नेताओं में से एक हैं। उन्होंने बीएससी, एलएलबी और एमए (राजनीतिक विज्ञान) की डिग्री ले रखी है। वे बिजनेस मैनेजमेंट में एमबीए और पीएचडी होल्डर भी हैं।

खेती-व्यापार​ से कमाई,​​​​​​ पांच साल में 10 करोड़ बढ़ी संपत्ति

मोहन यादव ने चुनावी हलफनामे में अपनी आजीविका का साधन खेती और व्यापार बताया है। शपथ पत्र के अनुसार, उनके परिवार के पास कुल 42 करोड़ रुपए की चल-अचल संपत्ति है। इसमें पांच साल में 10 करोड़ की बढ़ोतरी हुई है। उन पर और परिवार पर 9 करोड़ की देनदारी भी है।

मोहन यादव के पास 1.41 लाख रुपए नकद हैं। वहीं, पत्नी सीमा के पास 3.38 लाख रुपए कैश मौजूद है। पत्नी के अलग-अलग बैंकों में 28 लाख 68 हजार रुपए हैं। मोहन यादव ने अपनी कुल आय 19,85,200 रुपए और पत्नी सीमा यादव की कुल आय 13,07,000 रुपए बताई है।

22 लाख की कार, बाइक और रिवाल्वर के साथ बंदूक रखते हैं

नए मुख्यमंत्री मोहन यादव के पास 140 ग्राम सोना है। इसकी कीमत करीब 8 लाख रुपए है। 22 लाख की एक कार, एक बाइक और रिवाल्वर के साथ बंदूक भी है। वहीं, पत्नी के पास 250 ग्राम सोने के जेवर और 1.2 किलो चांदी के गहने हैं। इनकी कीमत 15.78 लाख रुपए है।

चुनावी हलफनामे में बताया है कि उनके पास करीब 15 करोड़ रुपए की खेती वाली जमीन है। उज्जैन में 1 करोड़ रुपए का एक प्लॉट भी है। पत्नी के नाम 6 करोड़ रुपए कीमत के दो नॉन एग्रीकल्चर लैंड हैं जबकि 6 करोड़ से अधिक के घर और फ्लैट हैं। उन्होंने और पत्नी ने कई कंपनियों में शेयर और पार्टनरशिप के तौर पर 6.42 करोड़ रुपए का निवेश कर रखा है। मोहन यादव के नाम तीन लाख की पॉलिसी, पत्नी सीमा के नाम पर 9 लाख की पॉलिसी है।

आपराधिक रिकॉर्ड वाले छात्रों के प्रवेश पर लगा दी थी रोक

वर्ष 2021 में तत्कालीन उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव उस समय विवाद का हिस्सा बन गए थे, जब उनके विभाग ने कानून जारी कर कहा था कि यदि किसी छात्र का आपराधिक रिकॉर्ड है तो उसे कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। इसकी वजह से पार्टी असहज हो गई थी। बाद में इस आदेश को वापस लेना पड़ा था।

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