ऐसे अपराध जिन पर आज तक है रहस्य का पर्दा!
मर्डर हुआ, हेडलाइनें बनीं, लेकिन सुलझ न पाया केस: ऐसे अपराध जिन पर आज तक है रहस्य का पर्दा!
शीना बोरा, अमर सिंह चमकीला, सुनंदा पुष्कर और ऐसे ही अनगिनत नाम, जिनके हत्यारे आज भी अज्ञात हैं. क्या कभी सुलझ पाएगी इनकी मर्डर मिस्ट्री?
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कल्पना कीजिए बेरहमी से किसी की हत्या, खून से लथपथ लाश, डर से कांपते लोग, अखबारों में सुर्खियां और पुलिस की जांच. लेकिन फिर आंखों के सामने सिर्फ अंधेरा ही अंधेरा, कोई सुराग नहीं, कोई गवाह नहीं और हत्यारे का कुछ पता नहीं!
ऐसे अनगिनत अपराध हैं जो आज भी रहस्य का पर्दा ओढ़े हुए हैं. इन मामलों में पीड़ितों को न्याय नहीं मिला और अपराधी आज भी खुलेआम घूम रहे हैं.
इनमें कुछ अपराध इतने खौफनाक होते हैं कि सालों बाद भी याद करके लोह सहम जाते हैं, तो कुछ इतने अजीब होते हैं कि दिमाग दंग रह जाता है. कुछ मामलों में तो इतना ज्यादा झूठ-फरेब होता है कि सुनते ही किसी को भी गुस्सा आ जाए.
ऐसे अपराधों की पूरी लिस्ट तो नहीं है, मगर हम कुछ मशहूर और बहु-चर्चित मामलों को शामिल करने की कोशिश की है. इन मामलों से भारत के कानून व्यवस्था को समझा जा सकता है.
आरुषि मर्डर मिस्ट्री (2008)
आरुषि तलवार नाम की 14 साल की लड़की और 45 साल के हेमराज की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था. इस मामले की मीडिया में सबसे ज्यादा कवरेज हुई. सबसे लंबे समय तक मीडिया में सुर्खिया बना रहा. आरुषि एक IVF (इन विट्रो फर्टिलाइजेशन) बेबी थी और दिल्ली पब्लिक स्कूल, नोएडा में पढ़ती थी. 16 मई 2008 को सुबह 6 बजे नोएडा के एक फ्लैट में आरुषि का शव मिला. वह अपने पिता डॉ राजेश तलवार और माता डॉ नूपुर तलवार के साथ रहती थी.
शुरुआत में उस वक्त पुलिस रिपोर्ट में घर के लापता नौकर हेमराज को आरोपी बताया गया था. ये रिपोर्ट खुद आरुषि के पिता राजेश तलवार ने दर्ज करवाई थी. मगर अगले ही दिन 17 मई को हेमराज की लाश भी उसी फ्लैट की छत पर मिली. हेमराज फ्लैट के स्टोर रूम में रहता था. तलवार परिवार के लिए खाना बनाना और घर के काम करता था. हेमराज की लाश मिलने के बाद वह अब आरोपी नहीं रहा, लेकिन अब शक की सुई आरुषि के माता-पिता पर ही घूमने लगी.
तलवार दंपति की मांग पर 1 जून 2008 को ये पूरा मामला सीबीआई को सौंप दिया गया. सीबीआई ने ही तलवार परिवार या उनके रिश्तेदारों और पड़ोसियों के यहां काम करने वाले चार लोगों को हिरासत में लिया. इन चारों पर नशीला पदार्थ देने का शक था, लेकिन जांच में कुछ पता नहीं चला और बाद में सबूतों की कमी के चलते उन्हें छोड़ दिया गया. इस केस में काफी उलझन भरा था. सीबीआई ने तो अपनी जांच पूरी करके ये कह दिया था कि उनके पास कोई सबूत नहीं है और केस बंद कर देना चाहिए, लेकिन मजिस्ट्रेट ने जांच जारी रखने के लिए कहा.
असल पेंच तो जांच शुरू होते ही हो गया था. जब नोएडा पुलिस मामले की जांच कर रही थी, तब भी उनसे काफी गलतियां हुई. घर से मिली स्कॉच की बोतल, खून से सनी चादरें और तकिया और हेमराज के शरीर को ढंकने वाली चादर ये सब चीजें तो उन्होंने इकट्ठी तो की, लेकिन उनको ऐसे रखा कि फॉरेंसिक जांच की रिपोर्ट के नतीजों से कुछ पता नहीं चल सका. टेरेस पर मिले खून के धब्बों को तो पुलिस ने पहले पान के दाग बताकर साफ करवा दिया.
अब सीबीआई का शक पूरी तरह से डॉ राजेश तलवार और माता डॉ नूपुर तलवार पर गया. क्योंकि हत्या वाली रात दोनों घर पर ही थे, लेकिन उन्हें कुछ आवाज नहीं सुनाई दी. सीबीआई को शक हुआ कि शायद वो सोए नहीं थे. 15 मई की आधी रात तक राजेश ऑनलाइन थे. दूसरी बात आरुषि के कमरे की चाबी सिर्फ तलवार दंपत्ति के पास ही थी. इस बात ने उनके शक को और बढ़ा दिया. इस कारण सीबीआई ने उन्हें हिरासत में ले लिया.
सीबीआई की जांच रिपोर्ट के आधार पर सेशन कोर्ट ने माना कि आरुषि और हेमराज की हत्या के लिए तलवार दंपत्ति ही जिम्मेदार थे. लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट ने तलवार दंपत्ति की अपील स्वीकार कर ली और रिहा कर दिया. हाईकोर्ट को लगा कि सीबीआई के पास सिर्फ शक ही थे, पक्के सबूत नहीं. इस तरह ठीक से जांच न होने और सबूतों की कमी के चलते हाईकोर्ट ने तलवार दंपत्ति को रिहा कर दिया. ये केस आज भी एक रहस्य बना हुआ है कि असल में आरुषि और हेमराज की हत्या किसने की थी.
शीना बोरा हत्याकांड (2012)
शीना बोरा हत्याकांड जिसने 2015 में मीडिया दिग्गज इंद्राणी मुखर्जी और पीटर मुखर्जी की गिरफ्तारी की वजह से सुर्खियां बटोरी थीं. ये केस अक्सर ही सुर्खियों में बना रहता है. इंद्राणी पर आरोप था कि उन्होंने 2012 में अपनी 25 साल की बेटी शीना का अपहरण करके हत्या कर दी थी, जिसे दुनिया उनकी बहन के रूप में जानती थी. इंद्राणी ने लगभग सात साल जेल में बिताए और फिलहाल जमानत पर बाहर हैं.
इस मामले की जांच पहले मुंबई पुलिस कर रही थी, फिर बाद में सीबीआई को सौंप दी गई. पुलिस के मुताबिक, अप्रैल 2012 में शीना बोरा का अपहरण करके गला घोंटकर हत्या कर दी गई थी. इंद्राणी मुखर्जी के पूर्व पति संजीव खन्ना और उनके ड्राइवर श्याम राय ने इस अपराध में शामिल होने की बात कबूल की है. लेकिन इंद्राणी मुखर्जी हमेशा से यही कहती आ रही हैं कि शीना की हत्या नहीं हुई और कश्मीर में रह रही है.
वहीं सीबीआई का कहना है कि इंद्राणी ने सबको शीना को अपनी बहन बता रखा था, लेकिन शीना का इंद्राणी के तीसरे पति पीटर मुखर्जी के बेटे राहुल मुखर्जी से प्रेम संबंध था. इसी रिश्ते के कारण इंद्राणी को गुस्सा आया और उन्होंने ये खौफनाक कदम उठा लिया.
अमर सिंह चमकीला हत्याकांड (1988)
80 के दशक में लाखों लोगों के दिलों पर राज करने वाले पंजाबी सिंगर अमर सिंह चमकीला बहुत पॉपुलर थे. करीब 8 सालों तक उन्होंने पंजाबी म्यूजिक इंडस्ट्री पर राज किया. इसके बाद 8 मार्च 1988 को अमर सिंह चमकीला अलगाववादियों की गोली का शिकार हो गए.
8 मार्च 1988 दोपहर करीब 2 बजे चमकीला और उनकी पत्नी अमरजोत पंजाब के मेहस गांव में परफॉर्म करने पहुंचे थे. कार से उतरते ही मोटरसाइकिल सवार लोगों ने AK-47 से गोलियों की बौछार कर दी. इस हमले में पहले अमरजोत कौर और फिर अमर सिंह चमकीला की मौत हो जाती है. साथ ही उनके दो साथी बलदेव सिंह और हरजीत सिंह गिल की भी मौत हो गई.
ये हमला उसी जगह हुआ, जहां चमकीला परफॉर्म करने पहुंचे थे. हालांकि आज तक ये पता नहीं चल पाया कि ये हत्या किसने की थी. पुलिस की काफी कोशिशों के बाद भी मामले में आज तक कोई गिरफ्तारी नहीं हुई और ये हत्या आज भी एक राज बनी हुई है.
जब अमर सिंह अपने करियर के शिखर पर थे तब उन्हें खालिस्तानी आंतकियों से अक्सर हत्या की धमकी मिलती रहती थी. इसलिए ये अंदाजा लगाया जाता है कि शायद इस हमले के पीछे सिख आतंकी दल का हाथ हो सकता है, लेकिन चमकीला के करीबी दोस्त और गीतकार स्वर्ण सिंह सिविया इस बात से सहमत नहीं थे. उन्होंने खुद इस मामले की जांच की और उनका मानना था कि कुछ और ही लोग जिम्मेदार थे. चमकीला की असमय मौत का राज जानने के लिए वो जिंदगी भर जवाब ढूंढते रहे.
चमकीला के गाने भले ही काफी मशहूर थे, पर उनके एल्बमों को लेकर काफी विवाद भी हुआ करते थे. इन एल्बमों पर अक्सर इस बात की कोई चेतावनी नहीं लिखी होती थी कि इनमें यौन संबंधों की बातें हैं. जबकि उनके कार्यक्रमों में अक्सर बच्चे भी मौजूद होते थे. इन विवादों के बावजूद चमकीले के गाने बहुत मशहूर हुए थे.
सुनंदा पुष्कर हत्याकांड (2014)
साल 2014 में कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर की दिल्ली के लीला पैलेस होटल के कमरे में रहस्यमय परिस्थिति में मौत हो गई थी. इसके बाद मीडिया में उनके बीच आपसी संबंधों को लेकर कई तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं. जहर से लेकर अपहरण किए जाने तक की संभावनाएं जताई गई थी. जबकि, कुछ मीडिया रिपोर्टों में होटल के कमरे में शराब की बोतलें, इंजेक्शन और दवाइयां होने की बात सामने आई थी. हालांकि एक दशक बाद भी मौत का रहस्य आज तक नहीं सुलझ पाया.
पुलिस रिपोर्ट में पहले माना गया था कि सुनंदा पुष्कर ने आत्महत्या की है. लेकिन बाद में इसे हत्या माना गया, जब उनके शरीर पर कई चोट के निशान मिले. 10 अक्टूबर 2014 को पहले बताया गया कि उनकी मौत जहर खाने से हुई. इसके बाद 6 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस ने कहा कि सुनंदा पुष्कर की हत्या की गई थी. आज भी ये मामला अदालत में चल रहा है, लेकिन हत्यारे का कुछ नहीं पता.
रेयान स्कूल मर्डर केस (2017)
8 सितंबर 2017 को गुरुग्राम के रेयान इंटरनेशनल स्कूल में पढ़ने वाले दूसरी क्लास के छात्र प्रद्युम्न ठाकुर (उम्र 7 साल) स्कूल के वॉशरूम के बाहर घायल अवस्था में मिला था. उसकी गर्दन पर चोट के निशान थे और बाद में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. पहले कहा गया कि बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न हुआ था, जिसके बाद उसकी मौत हो गई. इस मामले में पहले स्कूल बस कंडक्टर को ही हत्या का आरोपी बनाया गया और गिरफ्तार कर लिया गया.
बस कंडक्टर ने कथित रूप से पुलिस के सामने जुर् भीम कबूल कर लिया था, लेकिन बाद में बेगुनाह साबित हुआ. जांच में पता चला कि चार पुलिसवालों ने उसे फंसाया था. इसके बाद मामला सीबीआई को सौंप दिया गया. सीबीआई ने उसी स्कूल के 11वीं क्लास के 16 साल के नाबालिग छात्र को हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. दावा किया गया कि 11वीं क्लास के उस छात्र ने एग्जाम की तारीख और पेरेंट्स-टीचर मीटिंग को टालने के लिए हत्या कर दी थी.
लेकिन एक सवाल आज भी उठता है कि जब हत्या 11वीं क्लास के छात्र ने की थी तो बस कंडक्टर को इसी मामले में गिरफ्तार क्यों और किसके कहने पर किया गया?
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ये हैं वो 6 हत्याएं जिसने देश को हिला कर रख दिया था, आज तक नहीं सुलझ पाए रहस्य
Top 6 Murder Cases In India हमारे देश में न जाने कितनी ही हत्याएं हुई कुछ सुलझे और कुछ अब भी राज बने हुए है। ऐसे तो अनसुलझी हत्या के मामले बहुत है लेकिन आज हम देश के उन बड़े हत्याकांड का जिक्र करेंगे जो आज भी अनसुलझे रह गए।
Top 6 Murder Cases In India: मर्डर मिस्ट्री का मतलब होता है ‘हत्या के रहस्य’। हमारे देश में न जाने कितनी ही हत्याएं हुई, कुछ सुलझे और कुछ अब भी राज बने हुए है। आपने किताबों या फिल्मों में न जाने कितने ही मर्डर मिस्ट्री देखा या पढ़ा होगा। लेकिन अगर यहीं सच्चे अपराध पर आधारित हो, तो आप क्या सोचेंगे? हत्या की ऐसी कई पहेली आज भी कहीं मिट्टी में दफन होकर रह गई है। कुछ ऐसा ही शीना बोरा मर्डर मिस्ट्री के दौरान हुआ था। क्या हमें ये कभी पता चल पाएगा कि मासूम प्रद्युम्न ठाकुर को किसने मारा? ऐसे तो अनसुलझी हत्या के मामले बहुत है लेकिन आज हम देश के उन बड़े हत्याकांड का जिक्र करेंगे जो आज भी अनसुलझे रह गए।
आइए नजर डालते हैं भारत के कुछ सबसे सनसनीखेज मर्डर केस
आरुषि मर्डर मिस्ट्री (2008 Noida double murder case)
आरुषि तलवार और हेमराज बंजादे (Arushi Talwar and Hemraj Banjade) की हत्या ने पूरे देश को हिलाकर रख दिया था। 16 मई, 2008 को 14 साल की आरुषि और 45 साल के हेमराज की हत्या कर दी गई थी। इस मामले की सबसे ज्यादा मीडिया कवरेज हुई। ये वो केस है जो मीडिया में सबसे लंबे समय तक बना रहा। हथियारा कौन है? किसने मारा आरुषि को? ऐसे न जाने कितने ही सवाल आज भी देश पूछता है। देश की जनता ये अनुमान लगा रही है कि आरुषि की हत्या उसके खुद माता-पिता ने की है। सवाल है कि क्या सच में कोई अपनी ही बेटी की ऐसी निर्मम हत्या कर सकता है?
अमर सिंह चमकीला (Amar Singh Chamkila Murder Case)
एक पंजाबी सिंगर की दिन दहाड़े मोटरसाइकिल सवारों की गैंग ने हत्या कर दी। ये सिंगर और कोई नहीं बल्कि अमर सिंह चमकीला (Amar Singh Chamkila) थे। संगीत की दुनिया के बादशाह और एक निडर पंजाबी विद्रोही जो आज भी पंजाब में सभी कलाकारों में से एक माने जाते हैं। उनकी मौत कैसे हुई, ये आज भी रहस्य बनकर रह गया है। जब वे अपने करियर के शिखर पर थे तब उन्हें हमेशा खालिस्तानी आंतकियों से हत्या की धमकी मिलती रहती थी। शायद इसलिए अमर सिंह के गाने काफी क्रांतिकारी होते थे।
8 मार्च 1988 को पंजाब के मेहसामपुर में उनके कार पर हमला किया गया। इस दौरान अमर सिंह की पत्नी अमरजोत भी उनके साथ थी। दोनों को गोलियों से भून दिया गया था। अमरजोत को जहां छाती पर गोली लगी थी तो वहीं अमर सिंह को सीने में 4 गोलियां मारी गई थी। दिनदहाड़े कई लोगों के सामने सिंगर की निर्मम हत्या होने के बावजूद किसी को भी गिरफ्तार नहीं किया गया। अमर सिंह के कई सहयोगियों ने शिकायत की कि अन्य पंजाबी गायकों ने अमर के खिलाफ षड्यंत्र रचा था क्योंकि वह उनसे ज्यादा मशहूर थे। आज भी चमकीला की मौत किसने की ये कई लोगों के लिए रहस्य बना हुआ है। न ही ये केस सुलझा और न ही इस केस में किसी की गिरफ्तारी की गई।
सुनंदा पुष्कर (Sunanda Pushkar death case)
कांग्रेस सांसद शशि थरूर की पत्नी सुनंदा पुष्कर (Sunanda Pushkar) की मौत का रहस्य आज तक नहीं सुलझ पाया। पुष्कर की दिल्ली के लीला पैलेस में एक होटल के कमरे में हत्या कर दी गई थी। शशि थरूर को उनका शव 17 जनवरी 2014 को मिला था। पहले माना गया कि सुनंदा ने आत्महत्या की है।
बाद में रिपोर्ट में सामने आया कि सुनंदा की मृत्यु सामान्य नहीं थी। बताया जाता है कि उनके शरीर पर कई चोट के निशान थे। 10 अक्टूबर 2014 को मेडिकल टीम ने बताया कि उनकी मौत जहर से हुई है। वहीं 6 जनवरी 2015 को दिल्ली पुलिस की एक रिपोर्ट में कहा गया कि सुनंदा की हत्या की गई थी। आज भी ये मामला अदलात में चल रहा है। अब भी सवाल खड़े होते है कि सुनंदा की मौत कैसे हुई थी?
रेयान स्कूल मर्डर केस (Ryan School Murder Case)
2017 सितंबर में गुड़गांव के रेयान इंटरनेशनल स्कूल (Ryan School)के बाथरूम में दूसरी कक्षा का प्रद्युम्न ठाकुर (Pradyumn Thakur) मृत पाया गया था। पहले कहा गया कि बच्चे के साथ यौन उत्पीड़न हुआ था, जिसके कारण उसकी मौत हो गई। इस मामले में एक बस कंडक्टर को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन कुछ दिनों बाद एक रिपोर्ट सामने आई, जिसमें दावा किया गया कि ग्यारहवीं कक्षा के एक छात्र ने परीक्षा टालने के लिए उसकी हत्या कर दी थी। लेकिन सवाल तो ये है कि जब हत्या 11वीं कक्षा के छात्र ने की थी तो बस कंडक्टर की इस मामले में गिरफ्तारी क्यों की गई?
जेसिका लाल हत्याकांड (Murder of Jessica Lal)
90 के दशक का सबसे हिला देने वाला मामला। 1999 में, अधिकांश अखबारों की सुर्खियाँ थीं ‘जेसिका को किसी ने नहीं मारा’ (No One Killed Jessica)। वारदात के समय मौजूद किसी भी चशमदीद ने पुलिस को सही बयान नहीं दिया की आखिर जेसिका (Jessica Lal)को गोली किसने मारी थी। बता दें कि 29 अप्रैल, 1999 की रात दिल्ली के टैमरिंड कोर्ट रेस्टोरेंट में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। वजह केवल इतनी थी कि जेसिका ने शराब परोसने से मना कर दिया था और उसका हत्यारा और कोई नहीं बल्कि मनु शर्मा था। बता दें कि तिहाड़ जेल में करीब 17 वर्ष से बंद मनु शर्मा को वर्ष 2020 को रिहा कर दिया गया है।
शरथ हत्याकांड (Banglore Sharath murder case)
बैंगलोर में एक आयकर अधिकारी के 19 वर्षीय बेटे की हत्या कर दी गई। उसका शव शहर के बाहरी इलाके में रामोहल्ली झील के पास मिला था। अपहरणकर्ताओं ने उसका गला दबाकर हत्या कर दी थी।
लेकिन कहानी में असली मोड़ तब आया जब पुलिस को पता चला कि अपहरणकर्ता उसके दोस्त ही थे। पीड़िता का करीबी दोस्त विशाल हत्या और अपहरण का मास्टरमाइंड था। 19 वर्षीय शरथ इंजीनियरिंग का छात्र था और उसके दोस्तों ने उसे मार डाला क्योंकि वे कर्ज चुकाना चाहते थे।