मध्य प्रदेश में संगठित अपराध पर लगेगी लगाम, जिलों में अपराधियों की सूची होगी तैयार

यूपी की तर्ज पर अब मध्य प्रदेश (Madhya pradesh) भी संगठित अपराध पर नकेल कसने जा रहा है. पुलिस मुख्यालय के सीआईडी डिपार्टमेंट की तरफ से एक आदेश ज़िलों में भेजा गया है. पुलिस मुख्यालय ने जिलों में चल रहे संगठित अपराधों को अंजाम देने वाले अपराधियों की फेहरिस्त तैयार करने के लिए कहा है. आदेश में 12 अपराधों का ज़िक्र किया गया है जिससे जुड़े संगठित गिरोहों पर नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. पेश है रिपोर्ट…

मध्य प्रदेश में संगठित अपराधों पर लगाम कसने की तैयारी है. इसी कड़ी में अब पुलिस मुख्यालय की ओर से एक आदेश ज़िले के अफसरों को भेजा गया है. आदेश में कहा गया है कि जिले में चल रहे संगठित अपराध करने वालों की लिस्ट तैयार की जाए और पुलिस मुख्यालय को सूचित करना होगा.

इन अपराध का आदेश में है जिक्र 

1- अवैध रेत उत्खनन

2- रियल एस्टेट/भू माफिया

3- फिरौती

4- ड्रग्स तस्करी

5- अवैध हथियार

6- अवैध शराब

7- जुआ/सट्टा

8- वैश्यावृत्ति/ मानव तस्करी

9- अवैध वन कटाई

10- कोयला तस्करी

11- शिक्षा

12- आर्थिक अपराध

काला धन हो या फिर अवैध निर्माण, कुछ भी बख्शा नहीं जाएगा

मामले में राज्य के कैबिनेट मंत्री विश्वास सारंग ने कहा कि माफियाओं के खिलाफ सरकार और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान गंभीर हैं. अपराधियों को लेकर कोई भी लापरवाही नहीं बरती जाएगी.बीजेपी शासित राज्यों में अपराधियों के खिलाफ जो माहौल बना है उससे साफ है कि संगठित अपराध को संरक्षण देने वालों की अब खैर नहीं है. सारंग ने कहा कि कांग्रेस के शासन में अपराधियों के हौसले बुलंद थे और माफियाओं को सीधा संरक्षण कांग्रेस के नेताओं से मिल रहा था. लिहाज़ा अब माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई का अभियान सरकार चला रही है. चाहे वो काला धन हो या फिर अवैध निर्माण कार्य, कुछ भी बख्शा नहीं जाएगा.

मामले में कांग्रेस ने बीजेपी के आरोपों का खंडन किया है. कांग्रेस नेता मानक अग्रवाल का कहना है कि कमलनाथ ने अपराधियों की कमर तोड़ने का असली काम किया था. बीजेपी के 15 सालों के शासन में जो माफिया बने थे कांग्रेस शासन काल में वो खत्म हुए. बीजेपी अपराधियों को संरक्षण देने का काम कर रही है.

जिलों को 25 सितंबर तक अपराधियों की लिस्ट सरकार को सौंपनी है. इससे पहले प्यारे मियां, मुख्तार मलिक जैसे शातिर अपराधियों के अवैध निर्माण पर पुलिस और नगर निगम ने मिलकर कार्रवाई की. इस कार्रवाई को हर ओर पॉजिटिव रिस्पॉन्स मिला. यूपी और दूसरे बीजेपी राज्यों में सरकार की कार्रवाई को लोग पसंद कर रहे हैं. ऐसे में संगठित अपराध को रोकने के लिए सरकार की मुहिम ज़रुर रंग लाएगी ये उम्मीद है.

 

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