पड़ोसी ने खेत जाने का रास्ता किया बंद, महिला ने राष्ट्रपति से कहा-मुझे हेलीकॉप्टर के लिए लोन दिलवाएं

मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक रोचक मामला सामने आया है। यहां एक महिला किसान सरकारी मशीनरी के रवैए से हार मान गई, क्योंकि पड़ोसी ने उसके खेत जाने का रास्ता बंद कर दिया है और कहीं से मदद नहीं मिल रही है, तो उसने थक हारकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाई है।

मंदसौर: मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में एक रोचक मामला सामने आया है। यहां एक महिला किसान सरकारी मशीनरी के रवैए से हार मान गई, क्योंकि पड़ोसी ने उसके खेत जाने का रास्ता बंद कर दिया है और कहीं से मदद नहीं मिल रही है, तो उसने थक हारकर राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से गुहार लगाई है कि खेत तक आने-जाने के लिए किसी बैंक से हेलीकॉप्टर खरीदने के लिए कर्ज दिला दें। मामला मंदसौर जिले के शामगढ़ तहसील का है। यहां के आगर गांव की रहने वाली बसंती बाई लौहार की बोरखेड़ा में खेती की भूमि है, मगर पड़ोसी ने खेत तक जाने वाले रास्ते को बंद कर दिया है।

रास्ते बंद होने के चलते कृषि यंत्रों और मवेशी आदि को खेत तक ले जाना मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही खेती कार्य भी प्रभावित हो रहे हैं। रास्ता खुलवाने के लिए तहसीलदार से लेकर भोपाल तक के अधिकारियों को बसंती बाई ने अपनी शिकायत भेजी मगर, कोई नतीजा नहीं निकला। सरकारी मशीनरी के रवैए से हारकर बसंती ने राष्ट्रपति को ही पत्र लिख दिया।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को लिखे पत्र में महिला किसान बसंती बाई लौहार ने अपना दर्द बयां करते हुए लिखा है कि उसकी गांव में 0.41 हेक्टेयर यानी केवल दो बीघा रकबे की छोटी सी जमीन है। खेत में उपजे अनाज से उसके परिवार का पेट भरता है, लेकिन पिछले कुछ समय से उसके खेत जाने के रास्ते को गांव के दबंगों ने बंद कर दिया है।

महिला ने लिखा है कि परमानंद पाटीदार ओर उसके बेटे लवकुश पाटीदार ने रास्ते में खाई खोद दी है जिसके कारण खेत पर जाना ही मुश्किल हो रहा है। वह खेती भी नही कर पा रही है। खेत पर जाने के रास्ते को खोलने के लिए वह कई अधिकारियों के चक्कर काट चुकी है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। उसने कहा है कि वह आकाश में उड़कर अपने खेत तक पहुंच सकती है इसलिए हेलिकॉप्टर खरीदने के लिए उसे लोन उपलब्ध कराया जाए। साथ ही हेलिकॉप्टर उड़ाने का लाइसेंस भी दिया जाए ताकि वह अपने खेत पर जा सके।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *