Madhya Pradesh: सीएम शिवराज को टंट्या मामा का अवतार बताने पर घमासान, कांग्रेस ने बताया आदिवासियों का अपमान

मध्य प्रदेश सरकार चार दिसंबर को क्रांतिकारी नायक की पुण्यतिथि के पहले श्रद्धांजलि देने के लिए सप्ताह भर कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है. टंट्या भील को टंट्या मामा के नाम से भी जाना जाता है.

मध्य प्रदेश की की सरकार के एक मंत्री ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chauhan) को आदिवासी क्रांतिकारी नायक टंट्या भील (Tantya Bheel) का अवतार बताकर एक नया विवाद खड़ा कर दिया है. विपक्षी कांग्रेस ने इसे आदिवासी समुदाय का अपमान करार देते हुए मंत्री से माफी की मांग की है.

मध्य प्रदेश सरकार चार दिसंबर को क्रांतिकारी नायक की पुण्यतिथि के पहले श्रद्धांजलि देने के लिए सप्ताह भर कार्यक्रमों का आयोजन कर रही है. टंट्या भील को टंट्या मामा के नाम से भी जाना जाता है.

मध्य प्रदेश के कृषि मंत्री ने सोमवार को खरगोन जिले के भीकनगांव में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा कि टंट्या मामा लड़कियों का विवाह करवाते थे, हमारे मामा ( जैसा कि मुख्यमंत्री चौहान लोकप्रिय रुप से प्रदेश में जाने जाते हैं) भी ऐसा ही करते हैं. टंट्या मामा अमीरों को लूटते थे और दौलत को गरीबों में बांट देते थे. हमारे मुख्यमंत्री लूट नहीं करते हैं लेकिन वह अमीरों से कर लेते हैं और गरीबों के लिए खर्च करते हैं.’

मंत्री ने कहा,ट्या मामा ने हमारे मुख्यमंत्री शिवराज के रुप में पुनर्जन्म लिया है

मंत्री ने कहा, ‘इन दोनों में एक समानता है. एक तरह से हम कह सकते हैं कि टंट्या मामा ने हमारे मुख्यमंत्री शिवराज के रुप में पुनर्जन्म लिया है.’मंत्री ने चौहान और टंट्या भील की शारीरिक बनावट के बीच समानता भी चित्रित की.

पटेल क्रांतिसूर्य गौरव यात्रा के दौरान सभा को संबोधित कर रहे थे. इसके तहत टंट्या भील के जन्म स्थान बड़ौदा अहीर गांव से मिट्टी के कलश इंदौर जिले के पातालपानी लाया जा रहा है. यहां चार दिसंबर को एक आदिवासी क्रांतिकारी नायक के स्मृति में एक बड़ा कार्यक्रम आयोजित किया गया है.

कांग्रेस ने कहा, आदिवासी नायक की तुलना करना उनका अपमान

इस बीच, प्रदेश कांग्रेस ने कहा कि आदिवासी नायक की तुलना करना उनका अपमान है. प्रदेश कांग्रेस के प्रवक्ता नरेंद्र सलूजा ने कहा कि कृषि मंत्री कमल पटेल ने टंट्या भील को लुटेरा बताया और मुख्यमंत्री शिवराज अमीरों पर कर लगाने वाला बताया. क्या यह समानता है? यह गलत तुलना है. यह आदिवासी नायक और आदिवासी समुदाय का अपमान है. मंत्री और भाजपा को इसके लिए माफी मांगनी चाहिए.

मुख्यमंत्री चौहान ने 23 नवंबर को इंदौर के पातालपानी रेलवे स्टेशन का नाम टंट्या भील के नाम पर रखने की घोषणा की थी. उन्होंने यह भी घोषणा की थी कि 53 करोड़ की लागत से बनाए जा रहे इंदौर के एमआर 10 मार्ग पर बस स्टैंड और भंवरकुआं चौराहे का नाम भी टंट्या भील के नाम पर रखा जाएगा.

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