उज्जैन…. 11 ब्लैक स्पाॅट…:3 साल में 56 हादसों में 77 मौत, जिम्मेदारों का दावा- अधिकतर में सुधार किया, अब जनवरी में समीक्षा

नए वर्ष में जिले के ब्लैक स्पॉट (लगातार दुर्घटनाओं वाले क्षेत्र) की समीक्षा होने वाली है। जिम्मेदारों द्वारा दावा कि ब्लैक स्पॉट में से अधिकांश में सुधार कर दिया है। लिहाजा 5 से 6 ब्लैक स्पॉट कम हो सकते हैं। वर्तमान सूची में जिले में 11 ब्लैक स्पॉट शामिल हैं। इनमें से 9 स्टेट हाईवे के और दो अन्य मार्ग के हैं। इन ब्लैक स्पॉट पर तीन साल 2018, 19 व 2020 में 56 दुर्घटनाओं में 77 लोगों की मौत होना दर्शाया गया है।

जिले में 9 ब्लैक स्पॉट स्टेट हाईवे व दो अन्य मार्ग पर हैं, उम्मीद की जा रही है कि समीक्षा के बाद 5 से 6 ब्लैक स्पॉट और कम हो जाएंगे…..

इन ब्लैक स्पॉट का निर्धारण यातायात पुलिस करती है। इसके बाद वह इन स्थानों पर दुर्घटनाएं न हो इसकी रोकथाम व जरूरी सुधार के लिए संबंधित एजेंसियों को जैसे लोनिवि, एमपीआरडीसी, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना, नगर निगम व अन्य निकाय तथा तकनीकी जिम्मेदारों को अवगत करवाती है। सुधार होने व दुर्घटनाओं में आई कमी के आधार पर इन ब्लैक स्पॉट की सूची जनवरी में अपडेट की जाती है। चूंकि अब नया वर्ष शुरू हो रहा है तो अधिकारी जनवरी में उक्त ब्लैक स्पॉट की समीक्षा की तैयारी में जुट गए हैं।

इन बिंदुओं से तय होते हैं ब्लैक स्पॉट
1 ऐसे स्थान जहां बार-बार दुर्घटनाएं हो रही हो। हादसों में घायल व मृतकों की संख्या अधिक हो।
2 ऐसे स्पॉट, रोड का हिस्सा व टर्न जिसे बनाने में कोई तकनीकी चूक हुई हो जिसकी वजह से दुर्घटनाएं हो रही हो।
3 इसके अलावा अन्य कारण भी देखे जाते हैं। जैसे संबंधित मार्ग पर वाहनों का दबाव, स्पीड की स्थिति। या फिर वहां से ज्यादा शराबी तो नहीं गुजरते आदि।
इन बिंदुओं के आधार पर सूची से बाहर होता है ब्लैक स्पॉट

  • ब्लैक स्पॉट पर जरूरी सुधार के बाद मौके पर दुर्घटनाएं होना बंद या कम हुई या नहीं।
  • सुधार के बाद मौके पर लंबे समय तक कोई जानलेवा हादसा तो नहीं हुआ।
  • ब्लैक स्पॉट पर पिछले तीन वर्ष की तुलना में अब दुर्घटनाओं में कितने फीसदी कमी आई आदि बिंदुओं को देखा जाता है।

अभी 11 ब्लैक स्पॉट… 2018 से 2020 तक में कितनी दुर्घटनाएं व मौत
1. थाना : नानाखेड़ा

  • ब्लैक स्पॉट : तपोभूमि चौराहा से मेघदूत ढाबा की तरफ।
  • तीन वर्ष में दुर्घटनाएं : 05
  • मौत : 05

2. थाना : नागझिरी

  • ब्लैक स्पॉट : हामूखेड़ी फंटा से अभिलाषा कॉलोनी की तरफ आधा किमी।
  • तीन वर्ष में दुर्घटनाएं : 05
  • मौत : 04

3. थाना : भैरवगढ़

  • ब्लैक स्पाॅट : रामगढ़ फंटा उज्जैन-जावरा रोड।
  • तीन वर्ष में दुर्घटनाएं : 04
  • माैत : 15

4. थाना : पंवासा

  • ब्लैक स्पॉट:-पंवासा, मक्सी का आधा किमी हिस्सा।
  • तीन वर्ष में दुर्घटनाएं : 06
  • मौत : 06

5. थाना : खाचरौद

  • ब्लैक स्पॉट : जावरा रोड स्थित ग्राम घिनौदा का कुछ हिस्सा।
  • तीन वर्ष में दुर्घटनाएं : 05
  • मौत : 07

6. थाना : कायथा

  • ब्लैक स्पॉट : कायथा में एचपी सांई शील पेट्रोल पंप के आसपास।
  • तीन वर्ष में दुर्घटनाएं : 04
  • मौत : 10

7. थाना : माकड़ौन

  • ब्लैक स्पॉट : ग्राम पाट उज्जैन-आगर रोड का आधा किमी हिस्सा।
  • तीन वर्ष में दुर्घटनाएं : 06
  • मौत : 06

8. थाना : राघवी

  • ब्लैक स्पॉट : चौंसला चौपाटी, उज्जैन-आगर रोड का आधा किमी हिस्सा।
  • तीन वर्ष में दुर्घटनाएं : 05
  • मौत : 07

9. थाना : नागदा

  • ब्लैक स्पॉट : ग्राम हवाई पालकी उज्जैन-जावरा रोड का आधा किमी हिस्सा।
  • तीन वर्ष में दुर्घटनाएं : 03
  • मौत : 04

10. थाना : इंगोरिया

  • ब्लैक स्पॉट : चिकली, बड़नगर रोड का आधा किमी हिस्सा।
  • दुर्घटनाएं : 08
  • मौत : 08

11. थाना : इंगोरिया

  • ब्लैक स्पाॅट : खरसौदखुर्द, उज्जैन-बड़नगर का आधा किमी रोड।
  • दुर्घटनाएं : 05
  • मौत : 05

पहले 15 थे और फिर 11 हुए… अब दावा यह कि 5-6 ही ब्लैक स्पॉट रह सकते हैं
दरअसल इससे पहले की सूची में जिले में 15 ब्लैक स्पॉट थे। जिनमें वर्ष 2017 से 19 तक में 87 दुर्घटनाओं में 97 लोगों की जान गई थी। तब इन ब्लैक स्पॉट में सुधार हुआ तो उक्त स्थानों पर दुर्घटनाएं घटी लेकिन कुछ नए स्पॉट भी इस बीच सामने आए थे। ऐसे में वर्ष 18 से 20 में ब्लैक स्पॉट घटकर 11 रह गए थे। अब इनमें से अधिकांश में सुधार करवा दिए जाने के दावे किए जा रहे हैं। ऐसे में अधिकारियों को उम्मीद है कि इस बार की सूची में केवल 5-6 ब्लैक स्पॉट ही रह सकते हैं। हालांकि इक्का-दुक्का नए ब्लैक स्पॉट जुड़ने की भी आशंका है।

अधिकतर ब्लैक स्पॉट में सुधार करवा दिया

  • जनवरी में जिले के ब्लैक स्पाटों की समीक्षा करेंगे। अधिकांश में सुधार करवा दिया गया था। ऐसे में उम्मीद की जा रही है कि 11 में से 5 से 6 ब्लैक स्पॉट कम हो जाएंगे। नए इक्का-दुक्का जुड़ सकते हैं। – पवन कुमार, टीआई, यातायात

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