Akhilesh Yadav Profile… 38 साल की उम्र में यूपी के मुख्‍यमंत्री बने थे अखिलेश यादव, जानिए टीपू के ‘सुल्तान’ बनने तक की पूरी कहानी

समाजवादी पार्टी के राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष अख‍िलेश यादव बचपन में फौज में जाने की चाहत रखते थे, लेक‍िन न‍ीयत‍ी को कुछ और ही मंजूर था और बचपन का टीपू बड़े होकर सुल्‍तान बन गया.

उत्‍तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के इटावा जिले स्‍थ‍ित सैफई गांव में 1 जुलाई 1973 को खुशी का माहौल था. गांव के ही मुलायम स‍िंह यादव (Mulayam Singh Yadav) और मालती देवी ने एक बच्‍चे को जन्‍म द‍िया था. पर‍िवार ने बच्‍चे का नाम अख‍िलेश रखा, लेक‍िन बच्‍चा जैसे-जैसे बढ़ा हुआ तो लोग प्‍यार से उसे टीपू बुलाने लगे. टीपू बचपन में फौज में जाना चाहता था, लेक‍िन न‍ीयती को कुछ और ही मंजूर था. फौज में जाने का सपना देखने वाले टीपू ने जब होश संभाला तो उनके सामने समाजवादी पार्टी (सपा) की राजनीत‍िक व‍िरासत खड़ी थी और यहीं से शुरू हुआ टीपू के सुल्‍तान बनने का सफर. इस सफर में टीपू यानी अख‍ि‍लेश यादव (Akhilesh Yadav) 38 साल की उम्र देश से सबसे बड़े सूबे यानी उत्‍तर प्रदेश के मुख्‍यमंत्री (सुल्‍तान) बने. जो उत्‍तर प्रदेश के सबसे कम उम्र में मुख्‍यमंत्री बनने का एक र‍िकॉर्ड है.

ऑस्‍ट्रल‍िया से की है पढ़ाई, 2000 में पहली बार बने सांंसद

अखिलेश यादव की शुरुआती पढ़ाई-लिखाई इटावा के सेंट मैरी स्कूल से हुई थी. इसके बाद राजस्थान के धौलपुर मिलिट्री स्कूल से उन्होंने आगे की पढ़ाई की थी. उन्होंने मैसूर विश्वविद्यालय से इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल की है. वहींं इसके बाद आगे की पढ़ाई के लिए वह ऑस्ट्रेलिया चले गए. वहां उन्होंने सिडनी विश्वविद्यालय से पर्यावरणीय अभियांत्रिकी में परास्नातक किया. पढ़ाई खत्म कर वह भारत लौट आए और अपने पिता मुलायम सिंह से  राजनीति का ककहरा सीखा. अखिलेश यादव ने 24 नवंबर 1999 को डिपंल यादव से शादी की. इसके बाद अख‍िलेश यादव सक्र‍िय राजनीत‍ि में आए और 2000 में उन्‍होंने पहला चुनाव लड़ा. लोकसभा उपचुनाव में अख‍िलेश यादव ने समाजवादी पार्टी (सपा) के टि‍कट पर कन्‍नौज सीट से चुनाव लड़ा, ज‍िसे जीतकर वह लोकसभा पहुंचे.

लगातार तीन लोकसभा चुनाव जीतने में सफल रहे अखि‍लेश यादव

2000 में पहला चुनाव जीतने वाले अखिलेश यादव ने दूसरी बार साल 2004 के लोकसभा चुनाव में भी दावेदारी की. अख‍िलेश यादव इस चुनाव में जीत दर्ज करने में सफल रहे. वहीं 2009 का लोकसभा जीत कर अख‍िलेश ने जीत की हैट्र‍िक लगाई. 2009 में अख‍िलेश यादव कन्नौज के अलावा फिरोजाबाद से भी चुनाव लड़े थे, लेकिन बाद में उन्होंने फिरोजाबाद सीट को छोड़ दिया.

2012 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश ने किया कमाल

2012 के विधानसभा चुनाव में समाजावादी पार्टी ने 224 सीटें जीतकर पूर्ण बहुमत हासिल किया था. इसका पूरा श्रेय अखिलेश यादव की रणनीति को बताया जाता है. 10 मार्च 2012 को अखिलेश यादव को उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी का नेता चुना गया. इसके बाद 15 मार्च को अखिलेश यादव ने सिर्फ 38 साल की उम्र में राज्य के मुख्यमंत्री के तौर पर शपथ ली. मायावती के बाद वह अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा करने वाले मुख्यमंत्री थे. मुख्यमंत्री चुने जाने के बाद उन्होंने 3 मई 2012 को कन्नौज लोकसभी सीट से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद 5 मई 2012 को अखिलेश यादव उत्तर प्रदेश विधान परिषद के सदस्य बन गए थे.

2017 के व‍िधानसभा चुनाव के ल‍िए कांग्रेस से किया गठबंधन

2017 के विधानसभा चुनाव में अखिलेश यादव ने राहुल गांधी से हाथ मिलाया था. लेकिन इसका कुछ खास असर नहीं देखने को मिला. समाजवादी पार्टी जहां सिर्फ 47 सीट जीत सकी थी वहीं 100 से ज्यादा सीटों पर चुनाव लड़ी कांग्रेस महज सात सीट पर सिमट कर रह गई थी. इस चुनाव में सबसे बड़ा नुकसान समाजवादी पार्टी को ही हुआ था. इसका नतीजा यह हुआ कि भाजपा एक लंबे अंतराल के बाद प्रदेश की सत्ता में काबिज होने में सफल रही.

2019 का लोकसभा चुनाव जीतकर पहुंचे संसद

अखिलेश यादव ने 2019 का लोकसभा चुनाव आजमगढ़ से लड़ा था. वह चौथी बार जीतकर संसद पहुंचे हैं. उनके सामने भाजपा नेता और भोजपुरी फिल्मों के सुपरस्टार दिनेश लाल यादव निरहुआ थे. इस चुनाव में अखिलेश यादव को 621578 वोट मिले थे, जबकि भाजपा के निरहुआ को 361704 वोट मिला था.

फिर यूपी जीतने की तैयारी

इस समय अखिलेश यादव पूरी तरह से 2022 विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटे हैं. वह अपनी हर बैठक प्रेस कॉन्फ्रेंस में भाजपा को सत्ता से उखाड़ फेंकने का दावा करते हैं. हालांकि यह तो चुनाव में ही पता चलेगा, लेक‍िन  इसके ल‍िए वह आरएलडी समेत कई छोटे व क्षेत्रीय दलों से गठबंधन कर चुके हैं.

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