अब सर्विलांस पर नोएडा एक्सप्रेस वे …? आईटीएमएस के जरिए 24 घंटे मानिटरिंग शुरू, 10 लाख लोगों को फायदा
नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे प्रदेश का पहला एक्सप्रेस वे होगा जो इंटीग्रेटड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ गया है। इससे रोजाना करीब 10 लाख वाहन चालकों को फायदा होगा। सिस्टम उनको पहने की आगह कर देगा कि एक्सप्रेस वे पर कहा ट्रैफिक स्लो है और कहा जाम लगा है। इससे रूट को पहले ही डायवर्ट कर दिया जाएगा।
एक तरह के होंगे साइनेज
प्राधिकरण ने एक्सप्रेस वे को मॉडल बनाने के लिए यहां एक तरह के साइनेज का प्रयोग किया जाएगा। इसका एक प्रजेंटेशन तैयार किया गया है। इसके तहत यहां सभी बस स्टैंड को एक ही डिजाइन और साइनेज को एक ही साइज को रंग के किए जाएंगे इसके अलावा डिजिटल डिस्प्ले भी लगाए जाएंगे। बता दे अभी एक्सप्रेस के दोनों ओर फसाड लाइटे लगाई गई है।
लाइफ लाइन है एक्सप्रेस-वे
नोएडा ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस वे नोएडा की लाइफ लाइन है। ये सीधे नोएडा को ग्रेटर नोएडा और दिल्ली को जोड़ता है। इसके अलावा आगरा एक्सप्रेस का लिंक है। रोजाना करीब 10 लाख से ज्यादा वाहन इस पर चलते है। आईटीएमएस होने से इस एक्सप्रेस वे एनाउंसमेंट, चालान और किसी प्रकार की दुर्घटना या मदद के लिए आसानी हो जाएगी। साथ ग्रीन कारिडोर बनाने में भी आसानी होगी।
15 जुलाई तक ये होगा पूरा
प्राधिकरण डीजीएम एसपी सिंह ने बताया कि संविदाकार कंपनी एफकॉन ने ई चालान सिस्टम को शुरू कर दिया है। आईटीएमएस के तहत वीडियो एनालिस्टिक साफ्टवेयर के द्वारा इंटीग्रेशन एक्सिटिंग एचटीएमएस का अपग्रेडशेन भारत सरकार के एनआईसी पोर्टल से आईटीएमएस इंटीग्रेशन, जीआईएस मैप, डाटा सिक्योरटी के लिए फायर वॉल और कुछ मशीनी प्रक्रिया 15 जुलाई तक पूरी कर ली जाएंगी।
ट्रेनिंग का काम जारी
सीईओ रितु माहेश्वरी ने बताया कि प्रदेश में आईटीएमएस पहली योजना है जिसे नोएडा में लागू किया गया है। इसके लिए संविदाकार कंपनी की ओर ट्रैफिक पुलिस को ट्रैंड किया जा रहा है। साथ ही 24 घंटे इसकी मानिटरिंग भी की जा रही है।
24 घंटे इन पर है नजर
- रेड लाइट वायलेशन
- आटोमेटिक नंबर प्लेट रिकगनिशन
- स्पीड वायलेशन
- नो हेल्मट
- ट्रिपल राइडिंग
- रॉग साइड
- नो पर्किंग
- स्टॉप लाइन
- क्राउडेड डिटेक्शन
- सिक्यूरिटी सर्विलांस सिस्टम