चंबल पुल फिर हुआ क्षतिग्रस्त, भारी वाहनों का आवागमन हो सकता है बंद

6 माह पहले ही हुई थी पुल की मरम्मत ..

बरेली की कंपनी ने 3 करोड़ रुपए से किया था पुल का मेंटेनेंस

फूप. यूपी से भिण्ड को जोड़ने वाले चंबल पुल एक बार फिर से क्षतिग्रस्त हो गया है। पुल पर भिण्ड की ओर से आठवें पिलर के स्पौन 6 से 7 इंच तक खिसक गए हैं। सूचना पर रविवार को एनएचएआई के कर्मचारियों ने निरीक्षण कर रिपोर्ट वरिष्ठ अधिकारियों को भेज दी है। कर्मचारियों की मानें तो सोमवार से पुल का मेंटेनेंस कार्य शुरू किया जा सकता है। इस दौरान भारी वाहनों की आवाजाही बंद की जा सकती है।

पुल के स्पैन खिसकने के साथ ही लोहे के गाटर में अंदर फसा सीमेंटेड गाटर भी क्रेक हो गया है। अनुमान यह भी लगाया जा रहा है कि पुल के नीचे भी क्रेक हो सकते हैं। ऐसे में भारी वाहनों के निकलने से खतरा बढ़ सकता है।

सोमवार से शुरू हो सकता है मेंटेनेंस

छह माह पहले ही पुल के मेंटेनेंस पर 3 करोड़ रुपए खर्च किए गए थे। कंपनी ने दो साल की गारंटी ली है। लेकिन चंबल पुल छह माह में ही क्षतिग्रस्त हो गया। इटावा प्रशासन का कहना है कि पुल की मरम्मत का कार्य सोमवार से शुरू किया जा सकता है। हालांकि इस बार पुल पर छोटे वाहनों को बंद नहीं किया जाएगा। जरूरत पड़ने पर बड़े ट्रक, डंपर और सवारी बसों को रोका जा सकता है।

छह माह में 12 बार लगा जाम

अक्टूबर 2022 से अभी तक करीब 12 बार जाम की स्थिति बनी है, इस दौरान पुल पर हजारों टन का भार रहा। पुल की क्षमता 40 टन की है, लेकिन रोजाना 70 से 80 टन लेकर एक हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। जिससे पुल लगातार कमजोर होता जा रहा है। वहीं नए पुल के निर्माण को लेकर प्रशासन गंभीर नहीं है।

पुल के आठवें पिलर का स्पान खिसका है। पुल का निरीक्षण किया है। दो से तीन दिन मरम्मत का काम चलेगा। इस दौरान वाहन भी बंद कराए जा सकते हैं। वहीं भारी वाहन बंद कराने का काम प्रशासन का है। यदि बंद होते हैं तो पुल लंबा चलेगा।

अभिशासी अभियंता, एनएचआई इटावा

पुल पर 118 दिन आवागमन रहा था बंद

चंबल पुल इससे पहले जून 2022 में क्षतिग्रस्त हुआ था। बरेली की एएम बिल्डर्स कंपनी ने 26 जून को मेंटेनेंस शुरू कर भारी वाहनों को प्रतिबंधित किया था। पुल पर रेलिंग, बेयरिंग और एक्सटेंशन ज्वॉइंट का कार्य पूरा करके कंपनी की मांग पर प्रशासन ने 18 सितंबर से 3 अक्टूबर तक स्लैब रोड बनाने के लिए छोटे चार पहिया व दो पहिया वाहनों को भी प्रतिबंधित किया था। कार्य धीमा होने के कारण इसे 15 अक्टूबर तक बढ़ाया गया, फिर तीसरे फेस में 22 अक्टूबर तक किया गया। पुल 118 दिन बंद होने के बाद इसे 23 अक्टूबर को पूरी तरह से खोला गया था। लेकिन मेंटेनेंस की गुणवत्ता व भारी वाहनों के लगातार दबाव के चलते पुल एक बार फिर क्षतिग्रस्त हुआ है।

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