ग्वालियर …. एक सौ बीस साल पुराना है जयारोग्य अस्पताल का भवन,अब जर्जर हालत में
एक सौ बीस साल पुराना जयारोग्य अस्पताल भवन में आज भी मरीज भर्ती होकर इलाज ले रहे हैं। पुरातत्व विभाग कंडम घोषित कर चुका है।
ग्वालियर. एक सौ बीस साल पुराना जयारोग्य अस्पताल भवन में आज भी मरीज भर्ती होकर इलाज ले रहे हैं। भले ही इस भवन को पुरातत्व विभाग कंडम घोषित कर चुका है। इसके बाद भी इस ऐतिहासिक भवन की सौंदर्यता देखने लायक है। पत्थरों से मिलकर बना इस भवन की दीवारें आज भी मजबूती के साथ खड़ी है और उसक गगन चुंबी इमारत मानो हवाओं से बात करती हो।
जयारोग्य अस्पताल का यह भवन जर्जर होने के कारण इसके छज्जे आदि बीच बीच में टूट कर गिरते रहते हैं जिसको लेकर कई बार इस भवन को खाली करने के लिए भी कहा जा चुका है। इसके बाद भी इस भवन में सैंकड़ा मरीज भर्ती होकर प्रतिदिन इलाज लेते हैं। हालांकि अब हजार बिस्तर अस्पताल के तैयार होते ही इस भवन को खाली किया जाएगा। इसमें खुले विभाग एनस्थीसिया, सर्जरी, ऑर्थो, ईएनटी और मेडिसिन को हटा कर हजार बिस्तर में पहुंचा दिया जाएगा। इस भवन को म्यूजियम बनाया जाएगा। जिससे जीआर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्रों को यहां के बारे में संपूर्ण जानकारी मिलेगी और जयारोग्य अस्पताल का गौरवशाली इतिहास पढ़ने व देखने को मिलेगा। इस भवन की नींव सिंधिया राजवंश ने सन 1899 में रखी थी। जब यहां पर रियासत से जुड़े कुछ काम हुआ करते थे लेकिन भरत की आजादी के साथ ही इस भवन को अस्पताल के रुप में काम में लिया जाने लगा। अब यह अस्पताल बेहद ही जर्जर हालात में है. यही कारण है कि जयारोग्य प्रबंधन ने कई जगह इस तरह की सूचनाएं लिखवाई है कि किनारों पर न जाये और छज्जों के नीचे न बैठें। इस भवन की क्षमता करीब 300 बेड की है।