पंजाब चुनाव में बाबा राम रहीम के 40 लाख फॉलोअर्स का वोट BJP को देने का फरमान, आज देर रात कोडवर्ड में जारी होगा मैसेज

पंजाब में रविवार को होने वाले विधानसभा चुनाव में सबकी नजरें डेरा सच्चा सौदा के रुख पर टिकी हुई हैं। राज्य में डेरा समर्थक 40 लाख वोटर्स हैं जो राज्य की कुल 117 सीटों में से 70 सीटों पर सीधे असर डालते हैं। यानी ये वोट जहां पड़े सरकार उसकी बननी तय है।

बताया जा रहा है कि डेरे का वोट BJP को जा सकता है। इस पर सारी चर्चाएं पूरी हो चुकी हैं। डेरा प्रमुख की तरफ से फॉलोअर्स को BJP को वोट करने का फरमान रात को किसी भी वक्त कोड वर्ड में भेजा जा सकता है। फरलो पर जेल से बाहर आए डेरा प्रमुख राम रहीम के मामले में सोमवार को हाईकोर्ट में सुनवाई होनी है। इसमें तय होगा कि उनकी फरलो रद्द की जाएगी या नहीं।

खुलेआम नहीं हो रहा ऐलान, इसकी भी एक वजह
BJP के समर्थन की बात को पब्लिक डोमेन में नहीं लाया जा रहा है। इसकी भी एक वजह है। सामना सीट से निर्दलीय प्रत्याशी परमजीत सिंह कोहली ने पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट में एक याचिका दायर कर आरोप लगाया है कि डेरा सच्चा सौदा का वोट हासिल करने के लिए BJP सरकार ने डेरा प्रमुख राम रहीम को फरलो दिलाया है।

हाईकोर्ट ने हरियाणा सरकार को सोमवार को जवाब दाखिल करने का नोटिस भी भेजा है। हालांकि, रविवार को ही वोटिंग होने से इस याचिका का कोई मतलब नहीं रह जाएगा। फिर भी डेरे की कोशिश यही है कि फॉलोअर्स को गुपचुप तरीके से BJP को वोट करने का मैसेज पहुंच जाए।

इसके अलावा वोटिंग को लेकर राम रहीम की हाईकोर्ट में कानूनी पेचीदगी बढ़ न जाए और भविष्य में उसे मिलने वाली पैरोल या किसी अन्य सुविधा में कानूनी दिक्कत न आड़े आ जाए, इसको ध्यान में रखते हुए पूरे मामले को गोपनीय रखा जा रहा है।

डेरा फॉलोअर्स के NOTA दबाने की अफवाह
शनिवार सुबह से NOTA (None of the Above) बटन दबाने के लिए डेरा समर्थकों के बीच तेजी से एक मैसेज वायरल हुआ। इसे लेकर डेरा की राजनीतिक विंग ने साफ तौर पर खंडन किया। इससे ये भी साफ हुआ कि डेरा फॉलोअर्स को किसी न किसी दल को वोट करना ही है।

बेअदबी केस में कांग्रेस के रुख से डेरे में नाराजगी
विश्वस्त सूत्रों के मुताबिक शनिवार शाम को डेरा सच्चा सौदा की राजनीतिक विंग ने पंजाब में एक गुप्त बैठक बुलाई। उसमें भटिंडा, फिरोजपुर, बरगाडी, राजपुरा, सलाबतपुरा और मलोट के प्रमुख लोग शामिल हुए। इसमें इस मुद्दे पर चर्चा की गई कि किस पार्टी को वोट देना है।

बैठक में चर्चा हुई कि बेअदबी केस में कांग्रेस शासन में बाबा राम रहीम से जेल में जो पूछताछ की गई थी, उससे डेरा और उसके फॉलोअर्स बेहद नाराज हैं। दो दिन पहले ही शिरोमणि अकाली दल के प्रमुख और पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल भी डेरा परिवार से मुलाकात करके समर्थन की गुजारिश कर आए हैं। दूसरे दलों को लेकर डेरा ने अब तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं।

राम रहीम के समधी को ही खुलेआम समर्थन
डेरा ने अब तक केवल एक नाम, निर्दलीय प्रत्याशी हरमिंदर जस्सी को अपना समर्थन दिया है। इसका खुलकर ऐलान भी कर दिया है। लेकिन 117 सीटों में से किसी पर भी डेरा की तरफ से कोई फतवा अब तक जारी नहीं हुआ है। गौरतलब है कि हरमिंदर बाबा राम रहीम के समधी हैं।

गुरुग्राम में राम रहीम के डेरे पर कड़ी चौकसी बरकरार
गुरुग्राम के सच्चा घर में रह रहे बाबा राम रहीम के आसपास पुलिस का बेहद कड़ा पहरा है। हर आने जाने वाले पर कड़ी निगरानी रखी जा रही है। इसकी पुख्ता तैयारी है कि डेरे से किसी भी तरह की भनक किसी को न लगने पाए। इसमें जांच एजेंसियां, इंटेलिजेंस या मीडिया भी शमिल है।

सूत्रों के मुताबिक आज देर शाम को बाबा की ओर से इशारा कर दिया जाएगा और डेरा की राजनीतिक विंग इस इशारे को आखिरी फॉलोअर तक पहुंचाने का काम करेगी।

आम आदमी पार्टी पर पड़ सकता है असर
डेरा के अनुयायियों का प्रभाव पंजाब के मालवा क्षेत्र में खास तौर पर है, जहां आम आदमी पार्टी को खासा मजबूत माना जा रहा है। अगर एक या दो फीसदी वोट भी डेरे की वजह से किसी तरफ मुड़ता है तो जिन इलाकों में कांटे की टक्कर होगी वहां उसका बहुत असर होगा।

2017 के चुनावों में डेरे ने अकाली दल का समर्थन किया था। अकाली दल पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) का प्रभाव है और एसजीपीसी डेरे के बिलकुल खिलाफ मानी जा रही है। अकाली दल सिखों का प्रतिनिधित्व करती है और सिख अब भी इस बात से नाराज हैं कि डेरा प्रमुख गुरमीत राम रहीम को ईशनिंदा के मामले में अकाल तख्त से माफी दिलवाने में अकाली दल की भूमिका थी। ऐसे में अकाली दल को डेरे का समर्थन शायद ही मिले।

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