ग्वालियर : वाहनों के अभाव में नहीं हो पा रहा गश्त …

वाहनों के अभाव में नहीं हो पा रहा गश्त   …
पत्थरों पर डायल 100, बीच राह में हांफने लगते हैं कंडम वाहन, बदमाशों के पीछे कैसे भागे पुलिस
थाने में रखे पुलिस के कंडम वाहन …

यदि बदमाशों ने आपके घर हमला बोल दिया है और पुलिस का इंतजार कर रहे हैं तो पुलिस कैसे भी आपके घर समय पर नहीं पहुंच पाएगी। क्योंकि अपराध की सूचना पर तत्काल रिस्पॉन्स के लिए शुरू की गई डायल 100 सेवा के लग्जरी वाहन अब कबाड़ बनकर पत्थरों पर खड़े हैं। साथ ही पुलिस थानों को दिए गए वाहन भी दम तोड़ चुके हैं। लिहाजा समय पर सूचना मिलने के बाद भी पुलिस अपराधियों का पीछा नहीं कर पा रही। इसका असर शहर की कानून व्यवस्था पर भी पड़ रहा है। गश्त के नाम पर थाना, कंट्रोल रूम और पुलिस लाइन से रवानगी डालने वाले पुलिसकर्मी वाहन के अभाव में एक जगह जाकर बैठ जाते हैं।

इसका परिणाम यह है कि चोरियों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। जिम्मेदारों का कहना है कि वर्ष 2016 से उन्हें नए वाहन नहीं ​दिए गए हैं। पुराने वाहन अपनी निर्धारित सीमा से कई गुना ज्यादा किलोमीटर की दूरी तय करने के कारण अब चलने की स्थिति में नहीं हैं। आलम यह है कि पिछले चार माह में सवा तीन सौ चोरी की वारदात हुई हैं। इनके अलावा 281 वाहन चोरी के मामले भी दर्ज किए गए हैं। देहात क्षेत्र में कुछ थानों के वाहन बंद ही है। ज्ञात रहे ग्वालियर पुलिस 9 वाहन किराए पर ले सकती है। यह सभी किराए के वाहन एएसपी व सीएसपी स्तर के अधिकारियों के पास हैं।

एटीएम चोर गैंग का पीछा करते बंद हुआ वाहन

कंपू थाना क्षेत्र में 6 माह पूर्व बेला की बावड़ी पर एटीएम चोर गैंग पुलिस चेकिंग तोड़ कर भागा। कंपू थाने की जीप भी दौड़ाई गई लेकिन वह स्पीड बढ़ाते ही बंद हो गई। फिर गोल पहाड़िया चौकी को अलर्ट कर बदमाशों‌ की घेराबंदी की गई।

लूट की सूचना पर जीप स्टार्ट की तो नहीं हुई

थाटीपुर थाना क्षेत्र में तीन माह पहले एक लूट की सूचना मिलने पर थाने के वाहन में पार्टी को पीछा करने भेजा। बल वाहन में सवार हो गया, लेकिन वाहन स्टार्ट नहीं हुआ। बाद में पुलिस पार्टी को बाइकों से भेजा गया।

जीप स्टार्ट नहीं हुई तो डायल 100 से गई पार्टी

बड़ागांव में विगत माह ट्रक चालकों से मारपीट व लूट की सूचना पर जब पुलिस जीप को स्टार्ट किया गया तो वह स्टार्ट नहीं हुई। इसके बाद थाने पर पहुंची डायल 100 से पुलिस पार्टी को मौके पर भेजा गया, तब तक हमलावर भाग चुके थे।

किराए के वाहन से देते हैं दबिश

बदमाशों को पकड़ने के लिए पुलिस पार्टी की दबिश के लिए अधिकांशत: निजी व किराए के वाहन का ही उपयोग किया जाता है। दबिश पार्टी यदि प्रदेश के बाहर जाती है तो विधिवत मंजूरी लेकर किराए का वाहन लिया जाता है।

मुख्यालय भेजा वाहनों का प्रस्ताव

वाहनों की कमीं है, प्रदेश के अन्य जिलों में भी है। वाहनों की कमी व नए वाहनों के संबंध में प्रस्ताव पुलिस मुख्यालय के पास भेजा गया है। हमारे प्रस्ताव पर प्रक्रिया चल रही है। जल्द वाहन मिलने की संभावना है। -………

शासन को संसाधन मुहैया कराना चाहिए

पुलिस को जरूरी संसाधन शासन द्वारा उपलब्ध कराना चाहिए, क्योंकि वाहनों के मेंटेनेंस की भी एक सीमा होती है और फिर बीमा आदि की परेशानी होती है। पुलिस के आधुनिकीकरण की बात की जाती है ऐसे में यदि जरूरी बेसिक संसाधन वाहन ही नहीं है तो यह स्थिति ठीक नहीं है।–  रिटा. एडीजी

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